भगेड़ में लावारिस पशुओं का आतंक
संवाद सूत्र, भगेड़ : भगेड़ व आसपास के क्षेत्र में लावारिस पशुओं की समस्या जानलेवा साबित हो रही है।
संवाद सूत्र, भगेड़ : भगेड़ व आसपास के क्षेत्र में लावारिस पशुओं की समस्या जानलेवा साबित हो रही है। लाख दावों और कोशिशों के बावजूद नगर पालिका समस्या का समाधान करने में असफल साबित हो रही है, जिसका खामियाजा सीधे तौर पर शहर के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। इनकी सुरक्षा और मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का दायित्व जिला पुलिस व नगर पालिका प्रशासन का है, लेकिन लावारिस पशुओं की समस्या से निजात दिलाने में तीनों विभाग हाथ खड़े कर चुके हैं। शहर में इतनी गोशाला होने के बावजूद लावारिस गाय व बैल शहर की सड़कों पर विचरण करते हैं। इनके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कई लोग घायल भी होते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग जान तक गंवा चुके हैं। लाख दावों, कोशिश और अभियान के बावजूद शहर में पशु की समस्या दिनोंदिन विकराल रूप लेती जा रही है। शहर गोशाला बना हुआ है। नगर पालिका के साथ जिला व पुलिस प्रशासन का इन पर कोई अंकुश नहीं है। पशुओं के विचरण व उत्पाद से किसी की भी जान जाए इन जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ता और न ही इन जिम्मेदारों पर कोई कानूनी कार्रवाई आज तक हुई है, जिसके कारण ये लोग जिम्मेदारी से हाथ पीछे खींच लेते हैं। स्थानीय पंचायत पशुओं की समस्या से निजात दिलाना तो दूर, मूलभूत सुविधा जुटाने में भी नाकाम साबित हो रही है। यही हाल रहा तो नागरिकों का सड़क पर निकलना दूभर होगा।
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पशुओं से रहती है यह समस्या
-दुर्घटना की आशका रहती है।
-यातायात बाधित होता है।
-शहर में गंदगी और अन्य समस्या रहती है।
-शहर की सुंदरता प्रभावित होती है, यहा-तहा पशुओं का जमावड़ा रहता है।
-फसलों को नुकसान।