कुल्लू, चंबा व पंजगाई के संस्कृत कॉलेजों का होगा अधिग्रहण
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कुल्लू, चंबा व पंजगाई में चल रहे संस्कृत महाविद्यालय को सरकार द्वारा अधिग्र
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कुल्लू, चंबा व पंजगाई में चल रहे संस्कृत महाविद्यालय को सरकार द्वारा अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चली हुई है। कर्मकांड व ज्योतिष विषय की वैज्ञानिकता स्थापित करवाने के लिए जिला के संस्कृत महाविद्यालयों और मुख्यालयों में आयोजन करवाए जा रहे हैं। यह बात हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. मस्त राम शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार संस्कृत भाषा के लिए कृत संकल्प है। दसवीं तक संस्कृत भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए संभावनाएं तलाश की जा रही हैं। वह वीरवार को हिमाचल संस्कृत अकादमी की ओर से एक दिवसीय कर्मकांड एवं ज्योतिषी सम्मेलन सरस्वती संस्कृत महाविद्यालय डंगार में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डॉ. दीना नाथ आचार्य ने की। डॉ. शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष शिमला स्थित तुंगेश संस्कृत महाविद्यालय को सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया है। डॉ. दीनानाथ शास्त्री ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। विश्व की जितनी भी भाषाएं है उनका जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है।
डंगार कॉलेज के प्राचार्य प्रकाश चंद गौतम ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन छात्रों व विद्वानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं। कार्यक्रम में पहुंचे गुरुनानक देव विश्व विद्यालय के प्रो. डॉ. लेख राम शर्मा ने कहा कि हिमाचल में संस्कृत और संस्कृति का प्रत्येक हिमाचली हृदय से सम्मान करते हैं। कार्यक्रम में राजेंद्र प्रसाद शर्मा, रमन कुमार, डॉ. धनीराम, शशिबाला, डॉ. श्याम लाल, सुलिंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार, वंदना शर्मा, श्याम लाल, शिव कुमार, इंद्रपाल, महेंद्र पाल, अनुज, गौरव, जयकृष्ण, शुभम शर्मा, पवन शर्मा, गोरखू राम शास्त्री, शिव कुमार व बुधेश्वर दत्त सहित अन्य विद्वानों ने भाग लिया।