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मां को दें सेहत का तोहफा

अब यह आपकी जिम्मेदारी है कि सही डॉक्टरी जांच से मां की सेहत पर ध्यान दें। उनकी थकान दूर करने के लिए स्पा जैसे सही और हल्के-फुल्के रिलैक्सेशन प्रॉसेस चुनें।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 07 May 2016 04:03 PM (IST)Updated: Sat, 07 May 2016 04:08 PM (IST)
मां को दें सेहत का तोहफा

जब आप बचपन में बीमार पड़ती थीं, तब रात भर जागकर आपकी देखभाल करती थीं मां। अब यह आपकी जिम्मेदारी है कि सही डॉक्टरी जांच से मां की सेहत पर ध्यान दें। उनकी थकान दूर करने के लिए स्पा जैसे सही और हल्के-फुल्के रिलैक्सेशन प्रॉसेस चुनें। इस बारे में जानकारियां दे रही हैं मेदांता दि मेडिसिटी, गुडग़ांव की सीनियर फिजीशियन डॉ. सुशीला कटारिया...

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अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्यकर खानपान और नियमित व्यायाम, सात से आठ घंटे की नींद और वैक्सीनेशन के अलावा विभिन्न मेडिकल जांचों का अपना विशेष महत्व है। अगर बेटे, बेटियां और परिजन डॉक्टर से परामर्श लेकर अपनी-अपनी मांओं के लिए कुछ मेडिकल टेस्ट कराएं तो उनके स्वास्थ्य की स्थिति और विभिन्न रोगों की रोकथाम में काफी हद तक मदद मिल सकती है। इस संदर्भ में आयु के आधार पर आम तौर पर कुछ प्रमुख टेस्ट इस प्रकार हैं...

30 साल से कम उम्र

-सी बी सी टेस्ट: रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी के लिए यह जांच कराएं।

-टी एस एच टेस्ट: यह टेस्ट थाइरॉइड ग्रंथि की समस्या के लिए कराया जाता है।

-यूरिन टेस्ट: पेशाब में इंफेक्शन के लिए यह टेस्ट कराया जाता है।

- रुबैला एंटीबॉडी टेस्ट: जिन महिलाओं में रुबैला एंटीबॉडी नहीं है, उन्हें 'एम एम आर- का वैक्सीनेशन कराना चाहिए। इस वैक्शीनेशन से जो महिलाएं मां बनना चाहती हैं, उनमें संक्रमण का खतरा टल जाता है

- विटामिन बी और विटामिन बी 12 का परीक्षण: इन विटामिनों की शरीर में कमी को जानने के लिए यह टेस्ट कराया जाता है।

- ब्रेस्ट की क्लीनिकल जांच: स्तन कैंसर की आशंका को दूर करने के लिए यह जांच करायी

जाती है।

- पैप स्मीयर और ह्यूमैन पैपीलोमा वाइरस (एच पी वी) जांच: यह जांच सर्वाइकल कैंसर की

आशंका को दूर करने के लिए की जाती है।

30 से 50 साल

- ब्लडप्रेशर की जांच: यह जानने के लिए कि हाई या लो ब्लडप्रेशर की समस्या तो नहींहै।

- ब्लडशुगर की जांच: डाइबिटीज तो नहीं है, यह जानने के लिए।

- लिपिड प्रोफाइल: रक्त में कोलेस्टेरॉल और ट्राइग्लिसराइड की जानकारी के लिए यह जांच

होती है। एलडीएल कोलेस्टेरॉल का बढऩा हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा देता है।

- मैमोग्राफी जांच: 40 साल से अधिक उम्र वाली महिलाएं ये जांच करा सकती हैं। यह जांच स्तन

कैंसर से संबंधित है।

- ईसीजी और टीएमटी टेस्ट: ये जांचें हृदय रोग की आशंका को दूर करने या फिर इनका पता

लगाने के लिए की जाती हैं।

50 से अधिक उम्र

- आस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) की समस्या इस आयु वर्ग की मांओं में ज्यादा होती है, जिसका पता करने के लिए बी एम डी / डेक्सा स्कैन की जांच करानी चाहिए।

- माहवारी बंद होने के कारण महिलाओं में हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है, जिसके लिए टीएमटी टेस्ट कराना चाहिए।

- ब्लडप्रेशर की नियमित जांच कराएं। लिपिड प्रोफाइल जांच भी कराएं, जिससे रक्त में कोलेस्टेरॉल और ट्राइग्लिसराइड का पता चलता है।

-डाइबिटीज का पता करने के लिए ब्लडशुगर से संबंधित जांचें कराएं।

- किडनी और लिवर से संबंधित जांचें भी करायी जा सकती हैं।


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