स्वच्छता का संदेश देंगे 40 गांव, बनेंगे सोख्ता गड्ढे
जिले के गांव स्वच्छता व जल बचाने का संदेश देंगे। जिले में जितने भी
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिले के गांव स्वच्छता व जल बचाने का संदेश देंगे। जिले में जितने भी पांच हजार या इससे अधिक आबादी वाले गांव हैं, सभी में सोख्ता गड्ढे बनाए जाने की योजना है। ऐसे अभी 40 गांव चिन्हित किए गए हैं। गांव की निकासी का पानी इन गड्ढों में आएगा। इसके कई फायदे होंगे। गांव साफ सुथरा रहेगा और जल स्तर में सुधार होगा। एक गुणा एक मीटर के गड्ढे में 24 घंटे में 200 लीटर पानी गिरेगा। सुरक्षा के लिहाज से इनके ऊपर स्लेब डाली जाएगी। निकासी की समस्या होगी दूर
पंचायत अधिकारियों के पास अधिकतर शिकायतें आती हैं कि गांव में निकासी की व्यवस्था नहीं है। गलियों में दूषित पानी जमा है। जिससे गांव में गंदगी का माहौल रहता है। इस योजना के लागू होने से यह दिक्कत दूर हो जाएगी। गांव की नालियां अंडरग्राउंड की जाएंगी। उसके बाद उनको सोख्ता गड्ढे से जोड़ दिया जाएगा। स्वच्छ भारत व मनरेगा योजना के तहत बनवा सकते हैं सोख्ता गड्ढे
व्यक्तिगत गड्ढे का निर्माण मनरेगा योजना के तहत होगा। इसके लिए पांच कैटेगरी निर्धारित की गई है। आवेदक बीपीएल, सीमांत किसान, घर की मुखिया महिला, व किसी पर आश्रित व खेतों में काम करने वाला मजदूर हो। इनको गड्ढा बनवाने के लिए चार हजार रुपये दिया जाएगा। सामुदायिक सोख्ता गड्ढा बनाने के लिए यदि किसी गांव की आबादी पांच हजार से कम है तो प्रति व्यक्ति 280 रुपये फंड जारी होगा। यदि आबादी पांच हजार से अधिक है तो प्रति व्यक्ति 660 रुपये के हिसाब से बजट पंचायत को मिलेगा। यह बजट स्वच्छ भारत अभियान के तहत जारी होगा। जगाधरी पंचायत के गांव टोडरपुर सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया जा रहा। सरपंच रूफल के मुताबिक इसका ग्रामीणों को लाभ होगा। जिला परिषद के सीइओ नवीन आहुजा का कहना है कि इस योजना के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए अलग से टीम भी बनाई गई है। इस योजना के प्रभावी ढंग से लागू होने के बाद गांव में पानी की निकासी की समस्या दूर हो जाएगी। स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा।