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अतिथि अध्यापकों का आंदोलन तेज, समर्थन में उतरे कई संगठन

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोर्ट के आदेश के बाद रिलीव किए गए अतिथि अध्यापकों ने रोजगार

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Sep 2017 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2017 10:49 PM (IST)
अतिथि अध्यापकों का आंदोलन तेज, समर्थन में उतरे कई संगठन
अतिथि अध्यापकों का आंदोलन तेज, समर्थन में उतरे कई संगठन

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोर्ट के आदेश के बाद रिलीव किए गए अतिथि अध्यापकों ने रोजगार बचाने के लिए आंदोलन तेज कर दिया। उनके समर्थन में सांसद कुरुक्षेत्र सहित विभिन्न संगठन उतर आए। रविवार से न्यायिक परिसर के सामने अनाज मंडी गेट पर धरना शुरू किया गया। अध्यापकों का कहना है कि जब तक उनको वापस नहीं लिया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा। सांसद कुरुक्षेत्र राजकुमार सैनी को भी ज्ञापन सौंपा।

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दोपहर 12 बजे अतिथि अध्यापक अनाज मंडी गेट पर एकत्रित हुए। इस दौरान घाड़ क्षेत्र के गांवों से आए सरपंचों तथा निगम पार्षदों ने भी उनका समर्थन किया। धरने में भाग लेकर इनकी मांग को जायज बताया। अध्यापकों के साथ सुर में सुर मिलाकर सरकार से वापस नौकरी पर रखने की मांग की। समर्थन में आए चंदाखेड़ी के सरपंच धर्मवीर, सरपंच चौराही नरेश कुमार ने कहा कि अतिथि अध्यापकों के स्कूलों में ज्वाइन करने के बाद से पढ़ाई में सुधार आया था। उनकी नियुक्ति से पूर्व स्कूलों में अध्यापकों के पद खाली पड़े थे। अब सरकार ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया, जबकि सत्ता में आने से पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा था कि भाजपा सरकार अतिथि अध्यापकों का अहित नहीं करेगी। इसके बावजूद जिले के 671 अतिथि अध्यापकों का रोजगार छीन लिया गया।

अतिथि अध्यापक रामपाल, विनोद, रितेश, ललित, हरीचंद, कमल, किरण, राजीव, सुमन बख्शी आदि ने बताया कि सरकार उनको बाहर निकाल कर जेबीटी की नियुक्ति कर रही है। उनको अपने जिले में सेवाएं देते हुए 11 वर्ष का समय बीत गया है। अब इस उम्र में वह कहां जाएंगी। उनके सामने रोजगार के संकट खड़े हो गए। सरकार ने उनको रिलीव करने के आदेश जारी किए हैं। उनकी मांग है कि जेबीटी को उनके गृह जिले में नियुक्ति दी जाए। इससे उनका रोजगार भी बचा रहेगा। स्कूल में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। नियुक्ति की मांग को लेकर वे दो दिन पहले भी अनाज मंडी जगाधरी में धरना दे चुके हैं। इससे पहले वह लोग शिक्षा मंत्री से भी मिल चुके हैं। उन्होंने भी भरोसा दिलाया था कि उनका रोजगार नहीं जाएगा। बावजूद इसके उनको रिलीव किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को विस अध्यक्ष की कोठी का घेराव भी किया था। उसके बाद भी अब तक कोई स्थायी हल नहीं निकला है।

सांसद कुरुक्षेत्र को सौंपा ज्ञापन

अतिथि अध्यापक एकत्रित होकर सांसद कुरुक्षेत्र राजकुमार सैनी के कार्यक्रम में पहुंचे। जिला प्रधान नितिन लांबा ने उनको साथियों के साथ ज्ञापन सौंप कर उनको बताया कि सरकार अध्यापकों के साथ भेदभाव कर रही है। प्रदेश के किसी जिले से अतिथि अध्यापक निकाले नहीं गए हैं, जबकि यमुनानगर के अतिथि अध्यापकों को निकाल दिया गया। रोजगार जाने से आज वे सड़क पर हैं। हर विधायक से गुहार लगा चुके हैं, सभी ने उनको आश्वासन दिया है। इस पर सांसद कुरुक्षेत्र ने उनको अपना समर्थन दिया। सरकार से मांग की है कि अतिथि अध्यापकों को वापस स्कूलों में रखा जाए।

इन्होंने दिया समर्थन

भूतपूर्व फौजी हुकम ¨सह, पौंटी के पूर्व सरपंच म¨हद्र कुमार, पून्ना राम, पूर्व सरपंच भेड़थल प्रेमपाल, सतपाल, प्रवीण, संजीव, प्रवीण, मदनपाल, जय प्रकाश, जसमेर ¨सह, जीत राम, राजेश वर्मा, चंद्रपाल, राजेश्वर, नायब, अजमेर, कृपाल ¨सह, बलकार ¨सह, जगमाल, सुखदेव, नरेश सरपंच, नीरपाल पंच आदि ने दिया। इस मौके पर राजीव, ललित, विनोद, रितेश, राजीव, आनंद राणा, कमल, किरण, रामपाल, नवीन, हरी चंद, लवली, पदम, पवन, सुशील, रेणू आदि मौजूद रहे।

पता नहीं था यह दिन देखना पड़ेगा

अतिथि अध्यापक रामपाल, विनोद आदि ने बताया कि उनको नहीं पता था कि यह दिन भी देखना पड़ेगा। सपने भी नहीं सोचा था कि सरकार नौकरी से हटा देगी। अब उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। सरकार से इंसाफ की उम्मीद है कि किसी नीति के तहत उनको बहाल किया जाएगा।


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