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कारण कवन नाथ मोहि मारा..

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : करेहड़ा खुर्द के श्रीराम कला मंदिर के तत्वावधान में चल रही र

By Edited By: Published: Thu, 06 Oct 2016 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2016 06:00 PM (IST)
कारण कवन नाथ मोहि मारा..

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : करेहड़ा खुर्द के श्रीराम कला मंदिर के तत्वावधान में चल रही रामलीला के छठे दिन सीता हरण, राम हनुमान मिलन, राम-सुग्रीव मित्रता और बाली वध का मंचन हुआ। कलाकारों के खूबसूरत मंचन से दर्शक भाव विभोर हो उठे। सबसे पहले सीता हरण का मंचन हुआ। इससे पहले लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक काट दी। तब वह अपने भाई रावण के पास गई और घटना की जानकारी दी। वह बदला लेने के लिए मामा मारीच को सोने का हिरण बनने के कहता है और खुद साधु का वेश धारण कर सीता का हरण कर लेता है। सीता का हरण कर आकाश माग से लौटते समय उसकी जटायु से लड़ाई भी होती है। उसके बाद राम और लक्ष्मण सीता को ढूंढ़ते हुए किष्किंधा पर्वत पर पहुंचे है। वहीं पर उनकी हनुमान जी से मुलाकात होती है और सुग्रीव से मित्रता होती है। सुग्रीव अपने भाई बालि के बारे में बताते हैं, तो श्रीराम बालि का वध कर देते हैं। वध के बाद बालि श्रीराम से पूछता है.. कारण कवन नाथ मोहि मारा। मैं वैरी सुग्रीवहि प्यारा।। इस पर श्रीराम कहते हैं, जो व्यक्ति दूसरे की पत्नी पर बुरी नजर रखता है, वह वध का ही अधिकारी है। रामलीला के दौरान श्री राम की भूमिका में पारस मनिक टाहला, लक्षमण राकेश कश्यप, सीता पंकज, रावण की भूमिका में शिव कुमार, बाली गौरव और हनुमान की भूमिका में महेंद्र ¨सह मक्कड़ ने बेहतर प्रस्तुति दी। रामलीला में कलाकारों का उत्साह देखते ही बन रहा था।


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