वकीलों का वर्क सस्पेंड, पूर्व विधायक की जमानत याचिका पर नहीं हुई बहस
वकीलों का वर्क सस्पेंड होने से लाडवा से इनेलो के पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को बहस नहीं हो सकी। अब कोर्ट से उनके अधिवक्ताओं को 9 दिसंबर की तारीख मिली है। पूर्व विधायक को बुधवार को 45 लाख रुपये की धोखाधड़ी केस में जेल भेजा गया है। वहीं पूर्व विधायक की गिरफ्तारी होने पर सीबीआइ को उनकी कस्टडी नहीं मिल सकी थी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वकीलों का वर्क सस्पेंड होने से लाडवा से इनेलो के पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को बहस नहीं हो सकी। अब कोर्ट से उनके अधिवक्ताओं को 9 दिसंबर की तारीख मिली है। पूर्व विधायक को बुधवार को 45 लाख रुपये की धोखाधड़ी केस में जेल भेजा गया है। वहीं पूर्व विधायक की गिरफ्तारी होने पर सीबीआइ को उनकी कस्टडी नहीं मिल सकी थी। जिस पर सीबीआइ ने 9 दिसंबर की तारीख ले ली थी। अब जगाधरी में धोखाधड़ी के केस में भी उनकी 9 दिसंबर को सुनवाई होनी है।
यह है मामला
खुर्दबन निवासी कर्मवीर ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उसमें कुरुक्षेत्र के सेक्टर पांच निवासी शेर सिंह पर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर इकरारनामा बनवाने के आरोप लगाए थे। यह जमीन भी किसी और को बेचने के नाम पर करीब 45 लाख रुपये का बैनामा हड़पा गया। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। कर्मवीर की 96 कनाल 10 मरले जमीन है। 2 जुलाई, 2016 को ही इस जमीन का इकरारनामा तैयार कराया गया था। लाडवा के पूर्व विधायक शेर सिंह बडशामी जेबीटी घोटाले में भी दोषी हैं। उन्होंने सजा होने के कुछ माह बाद ही कोर्ट से मेडिकल आधार पर जेल से अंतरिम जमानत ली थी। अब उनकी कोर्ट ने अंतरिम जमानत रद की, तो सीबीआइ की टीम उन्हें लेने पहुंच गई। यहां उन्होंने पहले ही धोखाधड़ी के केस में सरेंडर कर दिया था।
इसलिए हुआ वर्क सस्पेंड
जिला बार एसोसिएशन के प्रधान बलिद्र सिंह ने बताया कि सोनीपत एसपी का अधिवक्ताओं के साथ व्यवहार ठीक नहीं है। काफी समय से उनके साथ विवाद चल रहा है। इसलिए ही पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं ने वर्क सस्पेंड रखा। अगले सप्ताह सीएम को भी वकीलों का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा।