स्ट्रीट लाइट ठीक करवाने के लिए करना पड़ेगा इंतजार, चीफ इंजीनियर ने किया टेंडर रद
स्ट्रीट लाइट ठीक करवाने की बाट जोह रहे लोगों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। मंगलवार को पंचकूला से आए चीफ इंजीनियर अशोक राठी ने स्ट्रीट लाइट मेनटेनेंस का टेंडर रद कर दिया है। टेंडर क्यों रद किया नगर निगम अधिकारी इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। अब अधिकारियों को नए सिरे से टेंडर के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। टेंडर में की जांच में चीफ इंजीनियर ज्यादा रेट रिकार्ड पूरा न होना पोल नंबरों में दिक्कत स्टाक रजिस्टर सहित अन्य खामियां मिली।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : स्ट्रीट लाइट ठीक करवाने की बाट जोह रहे लोगों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। मंगलवार को पंचकूला से आए चीफ इंजीनियर अशोक राठी ने स्ट्रीट लाइट मेनटेनेंस का टेंडर रद कर दिया है। टेंडर क्यों रद किया नगर निगम अधिकारी इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। अब अधिकारियों को नए सिरे से टेंडर के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। टेंडर में की जांच में चीफ इंजीनियर ज्यादा रेट, रिकार्ड पूरा न होना, पोल नंबरों में दिक्कत, स्टाक रजिस्टर सहित अन्य खामियां मिली। बता दे कि नगर निगम की स्ट्रीट लाइट का मामला विधानसभा पीटिशन कमेटी में भी चल रहा है। जिस कारण अधिकारी इस मामले में ज्यादा गंभीरता दिखा रहे हैं।
मंगलवार को चीफ इंजीनियर अशोक राठी ने नगर निगम अधिकारियों की बैठक ली। अधिकारियों ने जब उनके समक्ष स्ट्रीट लाइट मेनटेनेंस का टेंडर रखा, तो उन्हें उसमें कई खामियां नजर आई। जिसके बाद उन्होंने टेंडर को रद करने के निर्देश जारी कर दिए। सूत्रों की मानें तो निगम अधिकारी तीन बार टेंडर का आवेदन कर चुके थे, लेकिन अभी तक एक बार भी बात सिरे नहीं चढ़ पाई थी। रही सही कसर चीफ इंजीनियर के द्वारा टेंडर रद करने पर पूरी हो गई। इनसेट
हर रोज आती है 200 से ज्यादा शिकायतें :
ट्विन सिटी में स्ट्रीट लाइट से संबंधित हर रोज 200 से ज्यादा शिकायतें आती है। लाइट ठीक करने के लिए इलेक्ट्रोनिक चाक, ट्यूब, सोडियम, बल्ब, इग्नेटर इत्यादि की जरूरत पड़ती है। जो कि नगर निगम के स्टाक में नहीं है। ऐसे में शहर की अधिकांश सड़कें अंधेरे में डूबी हुई है। इनसेट
पहले यह थी व्यवस्था:
ट्विन सिटी में स्ट्रीट लाइट के करीब 25 हजार प्वाइंट हैं। नगर निगम ने जून 2020 में 24 लाख 36 हजार रुपये खर्च करने का निर्णय लिया था। 48 घंटों में लाइट का समाधान न होने पर ठेकेदार पर प्रति लाइट 50 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था। लाइट की रिपेयर का सामान, मेटेरियल व मैन पावर का जिम्मा ठेकेदार को दिया गया था। नगर निगम अधिकारियों ने वार्ड नंबर एक से 11 तक 15 लाख 24 हजार व वार्ड नंबर 12 से 22 तक नौ लाख 12 हजार रुपये का ठेका देने का निर्णय लिया था। वर्जन:
चीफ इंजीनियर अशोक राठी ने स्ट्रीट लाइट मेनटेनेंस का टेंडर रद कर दिया है। सामान न होने की वजह से लाइटों को ठीक करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एलसी चौहान, एक्सईएन, नगर निगम