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पेंशन के फर्जीवाड़े का जिम्मेदार कौन

पहले आरसी फर्जीवाड़ा हुआ अब पेंशन का फर्जीवाड़ा इन सबका जिम्मेदार कौन है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 08:40 AM (IST)
पेंशन के फर्जीवाड़े का जिम्मेदार कौन
पेंशन के फर्जीवाड़े का जिम्मेदार कौन

इस पेंशन के फर्जीवाड़े का जिम्मेदार कौन

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पहले आरसी फर्जीवाड़ा हुआ, अब पेंशन का फर्जीवाड़ा हो गया। सरकार की ओर से बुजुर्गों को मिलने वाले सम्मान भत्ते पर भी डाका डाल दिया गया। गांव करेहड़ा खुर्द के बाग का माजरा में 16 लोगों की पेंशन हड़प कर ली गई। उनके नाम से एटीएम कार्ड जारी करा दिए गए। न तो उन तक कोई पैसा पहुंचा और न ही एटीएम उन लोगों तक पहुंचे। दिखावे के लिए जांच भी की जा रही है, लेकिन अभी तक यह नहीं पता लग सका कि इस पूरे फर्जीवाड़े का सूत्रधार कौन है। बुजुर्ग सम्मान राशि के लिए चक्कर काट रहे हैं। पुलिस को भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई सुनवाई अभी तक नहीं हो सकी। इस पूरे खेल में सबसे बड़ा सवाल यही है कि यह एटीएम जारी किसने कराए। एक तरफ बैंकों में एटीएम के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं, जबकि यहां पर पहले ही इन बुजुर्गों के एटीएम जारी हो गए।

आरसी फर्जीवाड़ा उजागर होने से बिगड़ा दलालों का गणित

आरसी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद से दलालों का गणित बिगड़ गया। जिन लोगों से उन्होंने काम के पैसे ले रखे थे। वह काम नहीं हो रहा है, क्योंकि रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस के नियम सख्त कर दिए गए हैं। दलालों व लाइसेंस बनवाने वालों के बीच झगड़े हो रहे हैं। लघु सचिवालय में दो पक्षों के बीच इसी बात को लेकर बहस हो गई। दलाल ने युवक का ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के नाम पर चार हजार रुपये लिए थे। तय हुआ था कि केवल फोटो देना होगा और लाइसेंस बन जाएगा। इस बीच फर्जीवाड़ा खुल गया और दलालों से सेटिग रखने वाले कर्मी पकड़े गए, तो मामला बिगड़ गया। पहले एक माह तक काम बंद रहा। दलाल उन्हें आश्वासन देता रहा। अब दलाल ने साफ कह दिया कि बिना 21 दिन की ट्रेनिग के लाइसेंस नहीं बनेगा। दलाल पैसे वापस कर रहा है। युवक उससे इस अवधि का ब्याज मांग रहा है।

अस्पताल में टूट रहे बचाव के नियम

कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। पुलिस विभाग मास्क को लेकर अभियान चला रहा है, तो स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण कराने पर जोर दे रहा है। इसके बावजूद सबसे अधिक नियम अस्पताल में ही टूट रहे हैं। यहां ट्रामा सेंटर में एक-एक बेड पर दो-दो मरीज लेटे हुए हैं। वहीं पर्ची बनवाने से लेकर डाक्टर को दिखाने तक भीड़ लगी है। लंबी लाइनें लगी हैं। न तो दो गज की दूरी की पालना हो रही है और न ही मास्क की अनिवार्यता समझी जा रही है। सबसे अधिक भीड़ पर्ची बनवाने के लिए लगती है। यहां पर सुबह से ही लोग लाइन में लग जाती है। पहले पर्ची बनवाने को लेकर खूब आपाधापी मचती है। जिससे सभी नियम धरे रह जाते हैं। यही हाल बाजारों का है। बाजारों में भी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। धार्मिक स्थलों से लेकर सब्जी मंडी में नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

फिल्म दिखाकर कर्मियों को किया प्रोत्साहित

मास वैक्सीनेशन डे पर स्वास्थ्य विभाग को पांच हजार लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य मिला। विभाग ने खूब तैयारियां की। समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ भाजपा नेताओं ने भी लोगों को केंद्रों तक लाने में भूमिका निभाई। सबसे अधिक मेहनत कर्मियों ने की। टीकाकरण लक्ष्य से अधिक हुआ, तो सिविल सर्जन ने सभी कर्मियों को प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्हें फिल्म भी दिखाई। टीकाकरण में लगे सभी कर्मियों ने डिपल सिनेमा में फिल्म देखी। सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने सभी कर्मियों के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाओं का धन्यवाद किया, क्योंकि यह लक्ष्य कर्मियों की मेहनत से प्राप्त किया जा सका। यह इसलिए भी जरूरी था कि लोग अब भी टीकाकरण कराने से पीछे हट रहे हैं। कुछ अफवाहें फैल रही हैं। जिसका असर टीकाकरण पर पड़ रहा है। हालांकि चिकित्सकों की ओर से लोगों को बताया जा रहा है कि टीका लगवाने से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। प्रस्तुति : अवनीश कुमार


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