नेता जी निष्कासित हुए तो बताने लगे धनाढ्यों की है पार्टी
कल तक जिस पार्टी को आम लोगों की बताते थे। उससे निष्कासित होते हुए नेता जी पार्टी को धनाढ्य बताने लगे हैं। यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब हो रही है। मस्त जोगिया एक चौपाल पर पहुंचा।
कल तक जिस पार्टी को आम लोगों की बताते थे। उससे निष्कासित होते हुए नेता जी पार्टी को धनाढ्य बताने लगे हैं। यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब हो रही है। मस्त जोगिया एक चौपाल पर पहुंचा। यहां बैठे लोगों की चर्चा का विषय नेता जी रहे। एक समर्थक बोला भाई राजनीति में संभव है। बीच में दूसरे समर्थक ने कहा कि हमें तो ज्यादा जानकारी नहीं है। इस बीच नेता जी भी पहुंचे। उनके आते ही कानाफूसी शुरू हो गई। सामने बोलने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। नेता जी भी कुछ देर रुक कर अगले पड़ाव की ओर निकल गए। यहां बैठे लोगों की बातचीत को यही छोड़ जोगिया आगे बढ़ जाता है।
विरोध कोई साबित कर दिखाए
एक अन्य सभा में बैठे लोगों के बीच पहुंचे नेता जी बोले उन्होंने कभी किसी का विरोध नहीं किया। फिर भी जहां देखो यही बात लोगों की चर्चा में है। पक्ष में लोग हैं वे बोले कि कोई विरोध विरोध साबित करके दिखाए, लेकिन किसी को बेवजह अपनी बात का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए। ये गलत है। राजनीति गलियारों में ये आम बात है। किसी को कही भी भेजा जा सकता है। नेता जी का कही बोल नहीं निकला। चुपचाप लोगों के बीच से निकल गए। उनके जाने के बाद भी लोग उनको लेकर बातों में लग गए।
कभी रास्ते में मिले तो पहचान भी लेना साहब
इन दिनों जिले में बड़े नेताओं का आना-जाना लगा रहा। एक नेता जी को प्रदेशस्तरीय नेता के करीब जाकर बैठने का मौका मिल गया। इससे पहले बड़े नेता जी बात शुरू करते, पहले अपने यहां के नेता जी बोले कि कही रास्ते में मिल गया तो पहचान लेना। ये सुनकर बैठे लोग हंसने लगे, क्योंकि इस बात को कोई जवाब नहीं दिया गया। इन सभी को शुभकामनाएं देते हुए जोगिया वापसी का रुख करता है।
प्रस्तुति : पोपीन पंवार, यमुनानगर।