सीएम के घर पहुंचते ही फफक कर रो पड़े विधायक, भाई की मौत पर जताने पहुंचे थे शोक
शहर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के बड़े भाई श्यामसुंदर की सड़क हादसे में मौत पर सीएम मनोहर लाल शोक जताने पहुंचे। शनिवार की सुबह दस बजे सीएम मनोहर लाल विधायक के आवास पर पहुंचे। यहां उनके पहुंचते ही विधायक की आंखों से आंसू निकल पड़े। उनके साथ ही सीएम ने इस हादसे पर अफसोस जताया। कई बार सीएम ने रूमाल निकालकर आंखें पोंछी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के बड़े भाई श्यामसुंदर की सड़क हादसे में मौत पर सीएम मनोहर लाल शोक जताने पहुंचे। शनिवार की सुबह दस बजे सीएम मनोहर लाल विधायक के आवास पर पहुंचे। यहां उनके पहुंचते ही विधायक की आंखों से आंसू निकल पड़े। उनके साथ ही सीएम ने इस हादसे पर अफसोस जताया। कई बार सीएम ने रूमाल निकालकर आंखें पोंछी। करीब 21 मिनट रूकने के बाद सीएम यहां से निकले। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात नहीं की। उधर, दोपहर 12 बजे पश्चिमी यमुना नहर किनारे पर श्मशान घाट में मृतक श्यामसुंदर का अंतिम संस्कार हुआ। उनके अंतिम संस्कार में राज्य मंत्री कर्णदेव कांबोज, साढौरा विधायक बलवंत ¨सह, रादौर विधायक श्याम ¨सह राणा, डीसी गिरीश अरोड़ा व एसपी कुलदीप ¨सह समेत काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
श्यामसुंदर की बाइक को टक्कर मारने वाले का नहीं लगा पता :
शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे विधायक के भाई श्याम सुंदर बाइक पर आ रहे थे। जब वह संत निश्चल ¨सह स्कूल के पास पहुंचे, तो उन्हें किसी वाहन ने टक्कर मार दी थी। वह सिर पर हेलमेट पहने हुए थे, लेकिन वाहन का पहिया उनकी छाती से उतरा। आंते व पेट फटने की वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में विधायक के चचेरे भाई विजय कुमार की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। सिटी थाना प्रभारी नरेंद्र राणा का कहना है कि हादसा किस वाहन से हुआ। इसका अभी पता नहीं लग सका है। सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं। ताकि कोई सुराग मिल सके।
रात आठ बजे के बाद दौड़ते हैं ट्रक
रात आठ बजे के बाद से सहारनपुर हाईवे 73 पर ट्रकों का राज हो जाता है। इनमें खनन सामग्री के ट्रक अधिक होते हैं। हालात यह हो जाते हैं कि ट्रकों की लंबी लाइन लगती है। सड़क तक क्रॉस नहीं हो पाती। तेज गति से ये ट्रक दौड़ते हैं। रात को इन ट्रकों पर कोई अंकुश नहीं लगता। नो एंट्री में रूके होने के बाद रात को नौ बजे एंट्री खुलती है, लेकिन पहले ही ट्रक चलने शुरू हो जाते हैं।