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कमजोर पहलु बने सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण, न पर्याप्त सफाई कर्मचारी, न थी कचरा प्रबंधन की व्यवथा

नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी स्वछ सर्वेक्षण-2021 में फिर पिछड़ गई। सर्वेक्षण में 273वां रेंक मिला है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 05:48 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 05:48 PM (IST)
कमजोर पहलु बने सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण, न पर्याप्त सफाई कर्मचारी, न थी कचरा प्रबंधन की व्यवथा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में फिर पिछड़ गई। सर्वेक्षण में 273वां रेंक मिला है। जबकि 2020 में यह 147 था। हालांकि उम्मीद बेहतर रैंकिग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके एक नहीं बल्कि कई कारण गिनाए जा रहे हैं। सर्वेक्षण के दौरान न कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त थी और न ही कचरा प्रबंधन के इंतजाम। अब जल्दी ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 होना है। बेहतर रैंकिग के लिए व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। यदि ऐसा न हुआ तो पिछड़ने की संभावना से फिर इंकार नहीं किया जा सकता। कर्मचारियों की संख्या नहीं पर्याप्त 17 मार्च 2010 में नगर निगम का दर्जा मिला। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब शायद सफाई कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। 22 वार्डों में 735 सफाई कर्मचारी हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी अधिकारियों की कोठियों पर काम करते हैं। शहर में सफाई कार्य के लिए करीब 600 कर्मचारी ही तैनात रहते हैं। जबकि जरूरत 1350 से अधिक की है। कर्मचारियों की कमी के कारण सफाई नहीं हो पाती। स्वच्छ सर्वेक्षण में इसका असर साफ तौर पर देखने को मिला है। नहीं थी डोर टू डोर कचरा उठान की व्यवस्था

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स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान निगम एरिया में कचरा उठान की व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी। वार्ड नंबर13, 14, 15 में ही सफाई व्यवस्था ठेके पर थी जबकि अन्य वार्डों में निगम कर्मियों के भरोसे व्यवस्था रही। ऐसे में कचरे का नियमित उठान नहीं हो पाया। इसके बार में शहरवासियों की फीडबैक भी सही नहीं थी। जबकि इसके अलग से नंबर निर्धारित थे। अब निगम की ओर से सभी 22 वार्डों में कचरा उठान का कार्य एजेंसी को सौंपा हुआ है। कचरा प्रबंधन की भी व्यवस्था हो चुकी है। इस आधार पर इस बार अधिकारी बेहतर रैंकिग की उम्मीद कर रहे हैं। नाइट स्विपिग की नहीं थी व्यस्था बेशक अब निगम की ओर से नाइट स्विपिग की व्यवस्था कर दी गई हो, लेकिन सर्वेक्षण के दौरान ऐसा नहीं था। बाजारों व मुख्य मार्गों पर नाइट स्विपिग की व्यवस्था न होने का असर भी रैंकिग पर पड़ा है। मौजूदा स्थिति की यदि बात की जाए तो यमुनानगर व जगाधरी दोनों शहरों में यह व्यवस्था हो चुकी है। इस बार बेहतरी की उम्मीद

स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान जो कमजोर पहलु रहे हैं, उनको दूर किया जा रहा है। इस बार रैंकिग में सुधार की दिशा में काम किया जा रहा है। कचरा प्रबंधन की व्यवस्था करवा दी गई है। कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मदन चौहान, मेयर।


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