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अंतिम दिन इंदौर के स्लम क्षेत्रों का किया दौरा, सफाई देख चकित रह गए अधिकारी

ट्विन सिटी को सुंदर व स्वच्छ बनाने के लिए इंदौर दौरे पर गई नगर निगम की टीम सफाई के आधुनिक तरीके सीख रही है। शुक्रवार को निगम की टीम ने निगमायुक्त अजय सिंह तोमर व इंदौर निगम के अधिकारियों के साथ स्लम क्षेत्रों का दौरा किया। जहां सफाई में जन सहभागिता का अहम योगदान देखने को मिला। लोगों द्वारा अपने घरों में सूखा गीला व ठोस कचरे के लिए तीन तरह अलग अलग डस्टबिन रखे हुए मिले। जो स्वयं डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहन में कचरा डाल रहे थे। जिन स्थानों पर कचरा उठाने वाले बड़े वाहन नहीं जाते वहां हाथों से कचरा उठाने वाले वाहनों से कचरा उठाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 05:52 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 05:52 PM (IST)
अंतिम दिन इंदौर के स्लम क्षेत्रों का किया दौरा, सफाई देख चकित रह गए अधिकारी
अंतिम दिन इंदौर के स्लम क्षेत्रों का किया दौरा, सफाई देख चकित रह गए अधिकारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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ट्विन सिटी को सुंदर व स्वच्छ बनाने के लिए इंदौर दौरे पर गई नगर निगम की टीम सफाई के आधुनिक तरीके सीख रही है। शुक्रवार को निगम की टीम ने निगमायुक्त अजय सिंह तोमर व इंदौर निगम के अधिकारियों के साथ स्लम क्षेत्रों का दौरा किया। जहां सफाई में जन सहभागिता का अहम योगदान देखने को मिला। लोगों द्वारा अपने घरों में सूखा, गीला व ठोस कचरे के लिए तीन तरह अलग अलग डस्टबिन रखे हुए मिले। जो स्वयं डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहन में कचरा डाल रहे थे। जिन स्थानों पर कचरा उठाने वाले बड़े वाहन नहीं जाते, वहां हाथों से कचरा उठाने वाले वाहनों से कचरा उठाया जाता है। निगमायुक्त अजय सिंह तोमर का कहना है कि इंदौर में हमने सफाई के अनेक आधुनिक तरीके सीखने को मिले। जिन्हें हम अपने शहर जगाधरी-यमुनानगर में लागू करेंगे।

चार दिवसीय इंदौर दौरे पर सफाई व्यवस्था देखने के लिए अंतिम दिन स्लम एरिया का दौरा किया गया। यहां के निवासियों ने अपने एरिया को सुंदर बनाया हुआ था। शहर को स्वच्छ बनाने में जनसहभागिता देखने को मिली। यहां लोगों ने स्वयं ही कूड़े को अलग अलग किया हुआ मिला। लोगों ने सूखा, गीला कचरे के साथ ठोस कचरे के लिए भी अलग डस्टबिन रखे हुए थे। यहां के लोग स्वयं ही अपने घर से कचरा डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहन में डालते है। जो बहुत सराहनीय है। चार दिवसीय दौरे पर हमने बहुत कुछ सीखने को मिला।डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, गारबेज ट्रांसफर स्टेशन, जीपीएस कंट्रोल रूम, कचरा निस्तारण प्लांट, बायोगैस प्लांट व सीएंडडी वेस्ट प्लांट का दौरा कर वहां की कार्यप्रणाली जानी। डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहनों में कचरा पूरी तरह ढककर गारबेज ट्रांसफर स्टेशन पर ले जाया जाता है। घर से वाहन में जो कचरा डाला जाता है, वह दोबारा जमीन पर नहीं गिरता। आटोमेटिक तरीके से उसे डिस्पोजल सेंटर तक पहुंचाया जाता है। डिस्पोजल सेंटर पर व्यवस्था बेहतर बनाई हुई थी। कचरे से कमाई को जो माडल इंदौर ने तैयार किया है, वह बहुत बेहतरीन है। ऐसा मॉडल शायद देश में कहीं पर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इंदौर को स्वच्छता में नंबर एक पर लाने का सबसे अहम रोल यहां के शहरवासियों का है। जो कभी खुले में कचरा नहीं फेंकने। शहर को गंदा नहीं बल्कि स्वच्छ बनाने में अपनी भूमिका निभाते है। इंदौर दौरे के दौरान हमने बहुत कुछ देखने और सीखने को मिला। शहर को साफ व स्वच्छ रखने में यहां जो सफाई के तरीके सीखे हैं। उन्हें हम शहरवासियों के सहयोग से अपने शहर जगाधरी-यमुनानगर में भी लागू करेंगे। ताकि हमारा शहर भी सुंदर व स्वच्छ बने और हम स्वच्छता में अव्वल स्थान पर आए। मौके पर वरिष्ठ उप महापौर प्रवीण शर्मा, डिप्टी मेयर रानी कालड़ा, उप निगम आयुक्त अशोक कुमार, उप निगम आयुक्त विनोद नेहरा, सीएसआइ अनिल नैन, हरजीत सिंह, सुरेंद्र चोपड़ा, अकाउंट आफिसर विशाल कौशिक, सेनिटेशन कमेटी के सदस्य एवं पार्षद सविता कांबोज, अभिषेक मोदगिल व संकेत प्रकाश मौजूद रहे।


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