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मीट फैक्ट्री के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीण

गांव कांजनू में प्रस्तावित मीट फैक्ट्री के विरोध में ग्रामीणों ने अपना स्थाई धरना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर बुधवार से प्रस्तावित फैक्ट्री की जगह पर टेंट लगाकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन की ओर से जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों का संघर्ष में जीत तक साथ देने का आश्वासन देते हुए धरने पर बैठ गए। धरने प्रदर्शन की अध्यक्षता संस्कृति बचाओ पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष जयप्रकाश कांजनू ने की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 10:20 PM (IST)
मीट फैक्ट्री के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीण
मीट फैक्ट्री के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीण

संवाद सहयोगी, रादौर :

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गांव कांजनू में प्रस्तावित मीट फैक्ट्री के विरोध में ग्रामीणों ने अपना स्थाई धरना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर बुधवार से प्रस्तावित फैक्ट्री की जगह पर टेंट लगाकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन की ओर से जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों का संघर्ष में जीत तक साथ देने का आश्वासन देते हुए धरने पर बैठ गए। धरने प्रदर्शन की अध्यक्षता संस्कृति बचाओ पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष जयप्रकाश कांजनू ने की।

जयप्रकाश कांजनू ने कहा कि उनका आंदोलन अब धीरे धीरे मजबूत होना शुरू हो चुका है। प्रशासन को ग्रामीणों ने महापंचायत के बाद 10 दिनों का समय दिया था लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी सकारात्मक कार्रवाई देखने को नहीं मिली। इतना ही नहीं प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी व कर्मचारी उनसे बातचीत करने मौके पर नहीं आया। जिसको लेकर ग्रामीणों में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर भी रोष देखा जा रहा है। ग्रामीणों के इरादे मजबूत है। यह भावी पीढ़ी व पर्यावरण को एक बड़े संकट से बचाने की मुहिम है। इसे किसी भी कीमत पर न रुकने दिया जाएगा न कमजोर होने दिया जाएगा। जब तक उनका संघर्ष सफल नहीं हो जाता तब तक वह इस संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे। भाकियू जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने कहा कि किसान यूनियन अब इस आंदोलन में स्थाई तौर पर अपनी भूमिका निभाएगी। हर दिन भाकियू के सदस्य यहां ग्रामीणों के साथ आंदोलन में साथ देंगे। सरकार को अब आंदोलन के बाद ही जनता की बात मानने की आदत पड़ चुकी है। क्षेत्र के लोगों के लिए फैक्ट्री अभिशाप से कम नहीं है। लेकिन इसे प्रशासन की मिलीभगत से ग्रामीणों पर थोपने का कार्य किया जा रहा है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसा कोई निर्णय लेने से पहले गांव के लोगों की सहमति ले जिसमें की ग्रामीणों का विरोध हो। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अगर प्रशासन ने जल्द ही ग्रामीणों की मांग को पूरा करते हुए फैक्ट्री का लाइसेंस रद नहीं किया तो भाकियू ग्रामीणों के साथ मिलकर कोई कड़ा निर्णय लेने पर विवश हो जाएगी।

इस मौके पर शिव कुमार संधाला, राजेश रत्तनगढ़, जगमाल, पवन सरपंच, शिकुमार, रोशनलाल, सचिन, विनोद, जोगिद्र, पालाराम, राम सिंह, बलिद्र, पालाराम, ओमप्रकाश, साहब सिंह, अशोक, रामसिंह इत्यादि उपस्थित थे।


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