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ओवरलोड और अवैध खनन पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, लगाया जाम

अवैध खनन और ओवरलोड के खिलाफ क्षेत्र के ग्रामीण लामबंद हो गए। विरोध में रविवार को महापंचायत हुई और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुस्साए ग्रामीणों ने यमुनानगर-करनाल मार्ग गुमथला बस स्टैंड के पास जाम लगा दिया। जाम लगने के बाद दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 07:50 AM (IST)
ओवरलोड और अवैध खनन पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, लगाया जाम
ओवरलोड और अवैध खनन पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, लगाया जाम

संवाद सहयोगी, रादौर : अवैध खनन और ओवरलोड के खिलाफ क्षेत्र के ग्रामीण लामबंद हो गए। विरोध में रविवार को महापंचायत हुई और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुस्साए ग्रामीणों ने यमुनानगर-करनाल मार्ग गुमथला बस स्टैंड के पास जाम लगा दिया। जाम लगने के बाद दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई। महापंचायत का नेतृत्व पूर्व जिला परिषद सदस्य शिवकुमार संधाला, एडवोकेट वरयामसिंह और पूर्व सरपंच गुमथला सुरजीत सिंह भूरा ने किया।

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प्रशासन की ओर से सिचाई विभाग के एक्सईएन शेर सिंह, डीएसपी रादौर कुशलपाल राणा और थाना जठलाना प्रभारी इंस्पेक्टर ललित कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सिचाई विभाग के एक्सईएन के समक्ष यमुना नदी के घाटों पर अवैध खनन होने, घाटों पर ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से बांध बनाकर यमुना की धारा को मोड़ने की बात कही। इसके अलावा किसानों के लिए नदी पार जाने को लेकर सिचाई विभाग की ओर से अस्थाई रास्ता बनाने की भी मांग की गई।

ग्रामीण बोले-ओवरलोड बना बड़ी समस्या

पूर्व जिला परिषद सदस्य शिवकुमार संधाला, एडवोकेट वरयाम सिंह और सुरजीत सिंह ने बताया कि क्षेत्र में ओवरलोड बड़ी समस्या बन गया। रेत से लदे वाहन दिन रात सड़कों पर दौड़ रहे हैं। निर्धारित से कोई कई गुणा अधिक रेत भरकर ले जाते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे वाहनों के कारण सड़क के टूट रही है और हादसे भी बढ़ रहे हैं। स्कूली बच्चों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। यह वाहन कब किस को चपेट में ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता। इन दिनों एक भी सड़क चलने लायक नहीं रही है। शिकायत करने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। इतना ही नहीं यमुना में अवैध खनन कर नदी का प्राकृतिक बहाव बाधित किया जा रहा है। इससे से क्षेत्र में भारी नुकसान हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी ठेकेदारों के दबाव में काम कर रहे हैं। शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती।

किसानों ने बताया कि क्षेत्र के हजारों किसानों की भूमि यमुना नदी पार है। यमुना नदी पार जाने के लिए रास्ता नहीं है। किसानों को यमुना नदी पार अपने खेतों में जाने के लिए 50 से 60 किलोमीटर का रास्ता तय कर उत्तर प्रदेश के रास्ते अपने खेतों में जाना पड़ता है। उनकी मांग है कि प्रशासन यमुना नदी में अस्थायी रास्ता बनाने का काम करें, ताकि किसान यमुना नदी पार अपने खेतों में जाकर खेती कर सके। इस अवसर पर किसान निशान सिंह, सुरेंद्र कुमार, बलिद्र कुमार, राजेश, अमी लाल, विमल, विनोद, सतपाल, बृजेश, जितेंद्र मेहता, रिकू राणा, रामकुमार, बुटा सिंह, मेनपाल, तिलकराज आदि उपस्थित थे।

उपायुक्त से मिलेंगे

एक्सईएन शेरसिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि यमुना नदी के घाटों पर बनाए गए अवैध बांधों को तुड़वाया जाएगा। यमुना नदी पार जाने के लिए अस्थायी रास्ता बनाने के लिए जिला उपायुक्त मुकुल कुमार से बात की जाएगी।


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