Move to Jagran APP

गेहूं की बिजाई में जुटे किसान, 2967 किस्म को तरजीह

गेहूं की बिजाई का सीजन शुरू हो गया है। अगेती बिजाई के लिए 25 नवंबर तक का समय अधिक उपयुक्त माना जा रहा है। प्रदेश में इस बार 2523 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई का लक्ष्य रखा गया है। यमुनानगर की बात की जाए तो 90 हजार हेक्टेयर पर बिजाई होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:16 AM (IST)
गेहूं की बिजाई में जुटे किसान, 2967 किस्म को तरजीह
गेहूं की बिजाई में जुटे किसान, 2967 किस्म को तरजीह

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गेहूं की बिजाई का सीजन शुरू हो गया है। अगेती बिजाई के लिए 25 नवंबर तक का समय अधिक उपयुक्त माना जा रहा है। प्रदेश में इस बार 2523 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई का लक्ष्य रखा गया है। यमुनानगर की बात की जाए तो 90 हजार हेक्टेयर पर बिजाई होगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी अधिकतर बिजाई हैप्पी सीडर और मल्टी क्रॉप प्लांटर से करने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुरूप गेहूं की 2967 किस्म को अधिक तरजीह दी जा रही है, जबकि किसान अगेती किस्म 1105, 3086 और पीबीडब्ल्यू 665 की भी बिजाई की जा सकती है।

loksabha election banner

मंडूसी से बचाव के लिए ये करें उपाय

गेहूं की फसल में मंडूसी (खरपतवार) बड़ी समस्या बनी हुई है। इससे बचाव के लिए किसान स्ट्रांग खरपतवार नाशक का छिड़काव करते हैं, लेकिन मंडूसी लगातार ताकतवर हो रही है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मंडूसी के नियंत्रण के लिए गेहूं की बिजाई के एक घंटे बाद ही खेत में पैंडामैथलीन का छिड़काव कर दें। ऐसा करने से खरपतवार नहीं ऊगेगी।

इनसेट

जिला एरिया (हेक्टेयर में)

हिसार 2 लाख 25 हजार

फतेहाबाद 1 लाख 90

सिरसा 2 लाख 98

भिवानी 1 लाख 20

रोहतक 1 लाख 05

झज्जर 1 लाख 06

सोनीपत 1 लाख 50

गुरुग्राम 45 हजार

फरीदाबाद 32 हजार

करनाल 1 लाख 78

पानीपत 85 हजार

कुरुक्षेत्र 1 लाख 15

कैथल 1 लाख 75

अंबाला 86 हजार

पंचकूला 18 हजार

यमुनानगर 90 हजार

जींद 2 लाख 17

महेंद्रगढ़ 50 हजार

रेवाड़ी 47 हजार

मेवात 78 हजार

पलवल 96 हजार

चरखी दादरी 17 हजार इनसेट

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश जांगड़ा के मुताबिक किसान पराली को जलाने की बजाय हैप्पी सीडर या मल्टी क्रॉप प्लांटर से गेहूं की बिजाई करें। ये बेहतर विधि है। लागत कम आएगी और पैदावार भी अव्वल होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.