टीकाकरण का लक्ष्य पूरा, लेकिन कोरोना से बचाव के इंतजाम अधूरे
कोरोना से बचाव को लेकर टीकाकरण का लक्ष्य भले ही स्वास्थ्य विभाग ने पूरा कर लिया हो लेकिन अभी भी बचाव की तैयारियां अधूरी है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले में लगे आक्सीजन प्लांटों के बिजली कनेक्शन तक नहीं हो सके हैं। इस समय सक्रिय मरीजों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच चुका है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना से बचाव को लेकर टीकाकरण का लक्ष्य भले ही स्वास्थ्य विभाग ने पूरा कर लिया हो, लेकिन अभी भी बचाव की तैयारियां अधूरी है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले में लगे आक्सीजन प्लांटों के बिजली कनेक्शन तक नहीं हो सके हैं। इस समय सक्रिय मरीजों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच चुका है। प्रशासन की ओर से आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए चार प्लांट लगाए गए, लेकिन इनमें से तीन प्लांटों के बिजली कनेक्शन अभी तक नहीं हो पाए हैं। बजट न मिलने की वजह से यह प्लांट चालू नहीं किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन डा. विजय दहिया का कहना है कि कनेक्शनों की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल आक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है। प्लांट चलाने में होने वाले खर्च से कम में आक्सीजन मिल रही है। आपातकाल स्थिति के लिए जरनेटर की व्यवस्था की गई है। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक किल्लत बेड व आक्सीजन को लेकर हुई थी। इसे देखते हुए सरकार ने जिलों में आक्सीजन प्लांट लगाने पर जोर दिया। इसके तहत यमुनानगर जिले में चार आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। इनमें से दो प्लांट पीएम केयर फंड व दो प्लांट सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए। इस तरह से अब जिले में 3500 लीटर प्रति मिनट क्षमता आक्सीजन की व्यवस्था हो गई है। यह प्लांट भी इसलिए ही लगाए गए थे। जिससे कोरोना की तीसरी लहर में मरीजों के लिए आक्सीजन की किल्लत न बने। सिविल अस्पताल का चल रहा प्लांट :
सबसे पहले सिविल अस्पताल यमुनानगर का एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट चालू हुआ। यहां पर स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही कनेक्शन करा दिए गए। जिससे यहां पर कोई दिक्कत नहीं आई। हालांकि यहां पर कोविड के मरीजों को नहीं रखा जा रहा है। तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर मरीजों को ईएसआइ कोविड अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। उनके लिए अलग से आक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। इन प्लांटों के कनेक्शन का इंतजार :
इस्जेक ने कोविड अस्पताल ईएसआइ में एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट लगवाया। इसका उद्घाटन भी शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने किया, लेकिन इसके बाद से ही यह प्लांट चालू नहीं हो सका। वजह यह है कि प्लांट के लिए अलग से कनेक्शन लेना होता है। प्लांट को चलाने के लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगाया जाना है। इसके साथ लाइन खींचनी है व मीटर लगाया जाना है। इसके लिए करीब आठ लाख रुपये के बजट की जरूरत है। यह बजट अभी तक नहीं मिल सका है। जिस कारण बिजली निगम यहां पर कनेक्शन नहीं दे सका। इसी तरह से पीएम केयर फंड से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरस्वतीनगर में लगा 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट भी चालू नहीं हो सका। यहां पर भी अलग से कनेक्शन नहीं लगाया जा सका। इसके अलावा जगाधरी सिविल अस्पताल में एचडीएफसी की ओर से लगाया गया एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट भी कनेक्शन न होने की वजह से चालू नहीं किया जा सका। स्वास्थ्य विभाग को बजट नहीं मिला :
एसडीओ बिजली निगम नीलांश दूबे ने बताया कि आक्सीजन प्लांट के लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगाया जाना है। स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए बजट नहीं मिला है। जैसे ही बजट मिल जाता है, तो हमारी ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।