Move to Jagran APP

गेहूं का पीलापन पी रहा यूरिया, 20 प्रतिशत डिमांड बढ़ी

यूरिया खाद की डिमांड 20 प्रतिशत बढ़ गई है। इसका कारण गत दिनों जिले में कई दिन लगातार चली बारिश के कारण आया पीलापन बताया जा रहा है। कुल रकबे का 80 प्रतिशत पीलेपन की गिरफ्त में है। फसल की रंगत लौटाने के लिए किसान धड़ाधड़ यूरिया डाल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 06:02 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 06:02 PM (IST)
गेहूं का पीलापन पी रहा यूरिया, 20 प्रतिशत डिमांड बढ़ी
गेहूं का पीलापन पी रहा यूरिया, 20 प्रतिशत डिमांड बढ़ी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

loksabha election banner

यूरिया खाद की डिमांड 20 प्रतिशत बढ़ गई है। इसका कारण गत दिनों जिले में कई दिन लगातार चली बारिश के कारण आया पीलापन बताया जा रहा है। कुल रकबे का 80 प्रतिशत पीलेपन की गिरफ्त में है। फसल की रंगत लौटाने के लिए किसान धड़ाधड़ यूरिया डाल रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग की ओर से दो बैग प्रति एकड़ यूरिया डालने की सलाह दी जाती है, लेकिन ऐसे किसानों की संख्या कम नहीं हैं जो चार-पांच बैग तक डाल रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिले में गत वर्ष अब तक एक लाख आठ हजार एमटी यूरिया की खपत हुई थी, जबकि इस बार बढ़कर एक लाख 17 हजार एमटी तक पहुंच गई है।

प्रतापनगर एरिया में अधिक प्रभाव :

गत दिनों आठ जनवरी से लेकर 11 जनवरी तक जगाधरी में 91 एमएम, बिलासपुर में 95, रादौर में 96, छछरौली में 104, सरस्वतीनगर में 93, साढौरा में 65 व प्रतापनगर 102 एमएम बारिश हुई है। बारिश होने के कारण खासतौर पर निचले एरिया में गेहूं व सरसों की फसल खराब हो गई है। जल जमाव होने से गेहूं की फसल में पीलापन आ गया। हालांकि शनिवार को फिर बूंदाबांदी शुरू हो गई, लेकिन गत दिनों हुई बारिश के बाद मौसम खुलने पर किसानों ने गेहूं की फसल में यूरिया खाद डालना शुरू कर दिया। एकाएक डिमांड बढ़ गई। यूरिया की खपत को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं।

88 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल :

जिले में 88 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल खड़ी है। पछेती के साथ-साथ अगेती किस्म में मौसम की मार असर देखा जा रहा है। उधर, नमी बढ़ जाने से पीला रतुआ की संभावना भी बढ़ गई है, लेकिन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल जिले में पीले रतुआ नहीं है। खेत में पानी जमा होने के कारण पीलापन आया है। क्षेत्र कि किसान सुरेंद्र कुमार, हरपाल व हरीराम का कहना है कि यूरिया खाद डालने के बाद पीलापन दूर हो जाता है, इसलिए वे गेहूं में यूरिया खाद डाल रहे हैं। नैनो यूरिया का करें छिड़काव

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. जसविद्र सैनी का कहना है कि लगातार बारिश के कारण फसल में पीलापन आया है। किसान घबराएं नहीं। न ही अंधाधुंध यूरिया खाद का प्रयोग करें। मौसम साफ होने पर नैनो यूरिया का छिड़काव करें। यह फायदेमंद रहेगा। जिले में यूरिया की कमी नहीं है। कोई भी किसान अनावश्यक रूप से स्टाक न करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.