दो किसान नेता अभी जेल में, आज होगी सुनवाई
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में जुटने जा रहे जिन किसान
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में जुटने जा रहे जिन किसान नेताओं को पुलिस ने 24 नवंबर की रात को गिरफ्तार किया। उनमें से चार किसान नेता जेल से रिहा हो गए हैं। इनमें भाकियू मान गुट के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर व बिलासपुर ब्लाक प्रधान सुखदेव सलेमपुर, सतपाल मानकपुर व सीटू जेल से बाहर आ चुके हैं। अभी संजू सरावां व राजकुमार सीपियावालां जेल में है। अब उनकी एक दिसंबर को सुनवाई होगी। प्रदेश के सभी किसानों की जमानत पर एक दिसंबर को ही सुनवाई होनी है।
पुलिस ने आंदोलन को देखते हुए किसान नेताओं के घरों पर 24 नवंबर की रात को दबिश दी थी। इनमें भाकियू मान गुट व चढूनी गुट के नेताओं के घरों पर रात में ही पुलिस पहुंची। यहां से भाकियू मान गुट के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर, चढूनी गुट के साढौरा से ब्लॉक प्रधान सरावां निवासी संजीव सैनी, सिलीकलां निवासी सीटू, मान गुट से बिलासपुर ब्लॉक प्रधान सुखदेव सिंह सलेमपुर, साढौरा के ब्लॉक प्रधान सतपाल मानकपुर व चढूनी गुट से उपप्रधान कृष्ण पाल सुढल, सिपियावाला से राजकुमार को गिरफ्तार किया था। इनमें से कृष्णपाल को शांति भंग की धारा के तहत गिरफ्तार किया। उन्हें जमानत मिल गई। जबकि अन्य को करनाल जेल भेजा गया। इन्हें 27 नवंबर तक प्रीवेंटिव हिरासत में रखा गया। 27 को कोर्ट में इन्हें पेश करना था, लेकिन करनाल जेल से पुलिस ने लेकर आने में असमर्थता जताते हुए अपील की थी। गुरभजन सिंह को मिली जमानत
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली कूच से पहले हिरासत में लिए अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष गुरभजन सिंह को पांच दिन बाद जमानत मिल गई है।
उनके बेटे लवजोत ने बताया कि गुरभजन सिंह को करनाल जेल में रखा गया था। तसहीलदार बिलासपुर तरूण सहोता ने कागजी कार्रवाई के बाद गुरभजन सिंह को जमानत दी। गुरभजन सिंह के घर लौटने पर किसानों ने फूल मालाएं पहना कर स्वागत किया। किसानों का कहना है कि कहा कि कृषि कानून में संशोधन को लेकर पूरे देश के किसान संगठन संघर्ष कर रहे हैं।