दो चोर पकड़े, 40 वारदात कबूलीं, छह बाइक बरामद
डिटेक्टिव स्टाफ ने दो बाइक चोरों को पकड़ा है। दोनों ने शहर से 40 बाइक चोरी करने का खुलासा किया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डिटेक्टिव स्टाफ ने दो बाइक चोरों को पकड़ा है। दोनों ने शहर से 40 बाइक चोरी करने का खुलासा किया है। इनमें से अभी तक छह बाइक बरामद हो चुकी हैं। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है, जिससे कि उनसे चोरी की गई अन्य बाइकों को बरामद किया जा सके।
डिटेक्टिव स्टाफ के इंचार्ज जयपाल आर्य ने बताया कि हेड कांस्टेबल कुलदीप, राजू राणा, इम्तिहाज अली, गोविद और कमल की टीम ने बाडी माजरा पुल पर नाकाबंदी कर अपाची बाइक पर आ रहे चोर को पकड़ा। सहारनपुर के गांव बिशनपुरा निवासी कुलबीर सिंह के तौर पर हुई। जबकि सब इंस्पेक्टर ओम प्रकाश, राजू, रोहण, राजकुमार की दूसरी टीम ने पांसरा फाटक से चोरी की बाइक के साथ उत्तर प्रदेश के गांव पहलवानपुरा निवासी विशाल उर्फ विकास को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें रिमांड पर लिया गया है। बाइक चोरी की फिराक में रहते थे दोनों दोस्त
जयपाल आर्य ने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ के दौरान करीब 40 बाइक चोरी करना कबूल किया है। रिमांड के दौरान अब तक छह बाइक बरामद हो चुकी हैं। कुलबीर और विशाल दोनों दोस्त हैं। कुलबीर जिस बाइक पर पकड़ा गया वह 25 मई को कैल निवासी अंकित की कोर्ट रोड स्थित सैमसंग केयर के बाहर से चोरी की थी। विशाल जिस बाइक के साथ पकड़ा गया वह 15 जून को ईस्ट भाटिया नगर निवासी डिपल की है। यह बाइक ज्योति होटल के बाहर से चोरी की गई थी। इसके अलावा 25 मार्च 2018 को पुरानी अनाज मंडी जगाधरी निवासी नितिन की बाइक माडल टाउन से चोरी की थी। 28 मई को फेरूवाला निवासी विक्रम सिविल अस्पताल यमुनानगर में दवा लेने आया था और अपनी बाइक ट्रामा सेंटर के बाहर खड़ी कर दी। आरोपितों ने उसकी बाइक चोरी कर ली। इसके अलावा चुहड़पुर निवासी सतविद्र की बाइक 16 जून को राठी अस्पताल के बाहर से चोरी की गई। 19 जून को विजय नगर निवासी शिव कुमार की एक्टिवा ट्रामा सेंटर के बाहर से आरोपितों ने चोरी कर ली। लोगों को बता रखा था बाइक डीलर
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि सभी बाइक उनके पास ही हैं। उनके गांव में यदि कोई बाइकों के बारे में पूछता था तो वे खुद को डीलर बताते थे और बाइकों को बेचने की फिराक में थे। इसके अलावा वह चोरी की गई बाइकों के जाली कागजात बनाने की फिराक में भी थे, लेकिन उन्हें कोई मिला नहीं। उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। विशाल शहर के पैलेस में वेटर का काम भी करता था इसलिए उसे शहर के बारे में ज्यादा जानकारी थी। वह पैलेस में बाइक पर आने वाले लोगों पर भी नजर रखता था। जबकि कुलबीर पशुओं का उपचार करने का काम करता है।