यमुनानगर जिले में कोरोना के 325 नए मरीज मिले
यमुनानगर में 325 नए कोरोना संक्रमित मिले। 284 मरीज ठीक हुए हैं। अब जिले में 1494 सक्रिय केस हैं। इनमें से 1251 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो दिनों से संक्रमण से मौतों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने वीरवार को दो कोरोना संक्रमितों की मौत की पुष्टि कर रहा है। वहीं नगर निगम की टीम ने कोविड गाइडलाइन के तहत 10 संस्कार कराए।
वहीं वीरवार को 325 नए कोरोना संक्रमित मिले। 284 मरीज ठीक हुए हैं। अब जिले में 1494 सक्रिय केस हैं। इनमें से 1251 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है। अब जिले की रिकवरी दर 88.23 फीसद है। वहीं पॉजिटिविटी रेट 5.26 फीसद है।
देवर-भाभी की मौत
थर्मल प्लांट की कर्मचारी यूनियन के प्रदेश उप प्रधान व थर्मल प्लांट के 53 वर्षीय जेई को कोरोना संक्रमण हुआ था। उन्हें 26 अप्रैल को ईएसआइ अस्पताल में दाखिल कराया गया था। बुधवार की शाम तक उनकी हालत ठीक थी, लेकिन अचानक से ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा। डाक्टरों ने काफी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचा नहीं सके। उनकी 78 वर्षीय भाभी को भी कोरोना संक्रमण हुआ था। उनका भी ईएसआइ अस्पताल में इलाज चल रहा था। स्वजनों के मुताबिक पहले भाभी की मौत हुई। इसके करीब तीन घंटे बाद जेई की मौत हो गई।
संक्रमित युवक की मौत, लापरवाही का आरोप : रामनगर निवासी 38 वर्षीय युवक को कोरोना संक्रमण हुआ था। वह नोएडा में इंजीनियर था। बुखार होने पर उसे 24 अप्रैल को ईएसआइ अस्पताल में दाखिल कराया गया था। बुधवार की रात उसकी हालत बिगड़ी। एकदम से ऑक्सीजन लेवल गिर गया। डाक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर भी रखा, लेकिन कार्डियक अरेस्ट की वजह से उसकी मौत हो गई। हालांकि स्वजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया। आरोप है कि चिकित्सकों ने युवक की ऑक्सीजन हटा दी थी। जिस वजह से मौत हुई। वहीं ईएसआइ के नोडल अधिकारी डा. अनूप गोयल ने बताया कि जिस समय युवक को एडमिट किया गया था। उसका ऑक्सीजन लेवल 25 फीसद था। बीपी व नब्ज भी नहीं थी। उसका इलाज किया गया तो ऑक्सीजन लेवल बढ़कर 90 फीसद पर पहुंच गया था। बाद में फिर उसकी हालत बिगड़ने लगी। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। रात भर चिकित्सक व स्टाफ युवक को बचाने में लगा रहा। लापरवाही के आरोप गलत हैं।
बेड नहीं मिला, अधेड़ ने तोड़ा दम मुकारमपुर गांव निवासी 50 वर्षीय अधेड़ को कई दिनों से बुखार आ रहा था। वीरवार को उसकी हालत बिगड़ गई तो स्वजन उसे लेकर तीन निजी अस्पतालों में गए, जहां पर बेड न होने की वजह से भर्ती नहीं किया गया। ईएसआइ अस्पताल में लेकर गए। वहां पर भी बेड नहीं थे। बाद में सिविल अस्पताल में मरीज को लेकर पहुंचे, जहां उनकी मौत हो गई। मरीज का एंटीजन टेस्ट कराया गया था। हालांकि रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।