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विमल इंडस्ट्री में तीन कर्मचारियों की हो चुकी मौत, छह गंभीर, कार्रवाई पर चुप्पी

विमल एल्यूमिनियम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में सिलेंडर लीकेज की आग में झुलसे उत्तर प्रदेश के मथुरा के सुमेर प्रताप सिंह ने 15 दिन बाद पीजीआइ में दम तोड़ दिया। आग में झुलसे जीएम सहित तीन श्रमिकों की मौत हो चुकी है लेकिन अभी तक कार्रवाई के नाम पर प्रशासन की चुप्पी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:32 AM (IST)
विमल इंडस्ट्री में तीन कर्मचारियों की हो चुकी मौत, छह गंभीर, कार्रवाई पर चुप्पी
विमल इंडस्ट्री में तीन कर्मचारियों की हो चुकी मौत, छह गंभीर, कार्रवाई पर चुप्पी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : विमल एल्यूमिनियम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में सिलेंडर लीकेज की आग में झुलसे उत्तर प्रदेश के मथुरा के सुमेर प्रताप सिंह ने 15 दिन बाद पीजीआइ में दम तोड़ दिया। आग में झुलसे जीएम सहित तीन श्रमिकों की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कार्रवाई के नाम पर प्रशासन की चुप्पी है। न तो किसी भी श्रमिक को आर्थिक सहायता मिली और न ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा। फैक्ट्री मालिकों को भी प्रशासन बचाने में लगा है। यही वजह है कि केस में धारा 306 ईजाद होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी तक नहीं हुई। अब पुलिस टेक्निकल टेस्टिग में मामला उलझा रही है। अधिकारी रिपोर्ट के इंतजार की बात कह रहे हैं। उसमें अभी काफी समय लग सकता है।

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16 सितंबर को इंडस्ट्री एरिया की विमल एल्यूमिनियम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में सिलेंडर लीकेज से आग लग गई थी। उसमें 13 कर्मचारी झुलसे थे। हालात गंभीर होने के चलते नौ श्रमिकों को पीजीआइ रेफर किया गया था। यहां पर 19 सितंबर को कर्मचारी के जीएम एसएस पुंडीर और एसी मैकेनिक प्रताप सिंह की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। डिटेल रिपोर्ट में सामने आया कि मालिकों की लापरवाही से हादसा हुआ है। सिलेंडर की लीकेज बंद करने की वॉल्व फ्री हो गई थी। कई दिनों से यह खराब थी। पुलिस ने उस समय श्रमिक विकास की शिकायत पर मालिक रजनीश खरबंदा व अन्य पर 336, 337, 338 और एक्सपलोसिव एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। दो श्रमिकों की मौत के बाद केस में आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा जोड़ी गई थी।

अन्य श्रमिकों की हालत भी गंभीर

पीजीआइ में एडमिट अन्य छह श्रमिकों की हालत भी गंभीर बनी हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक, आग में झुलसे व्यक्ति को तीन सप्ताह तक आपातकालीन स्थिति में रखना पड़ता है। हर रोज उसका ट्रीटमेंट भी आपातकालीन मरीज की तरह ही किया जाता है।

टेक्नीकल जांच कराएंगे : सिंह

शहर यमुनानगर थाना प्रभारी कमलदीप सिंह का कहना है कि एक और श्रमिक की मौत की सूचना मिल गई है। हादसे की गंभीरता से जांच की जा रही है, इसलिए ही बीपीसीएल के अधिकारियों को भी जांच में शामिल किया गया है। फैक्ट्री के सिलेंडरों को भी लैब में टेस्टिग के लिए भिजवाया जाएगा। पहले बीपीसीएल की लैब का ही ऑप्शन मिला था, लेकिन जांच प्रभावित न हो। इसलिए आइओसीएल करनाल से बात हुई है। उनकी लैब में सभी 10 सिलेंडरों को भेजा जाएगा। लैब से रिपोर्ट में पता लगेगा कि सिलेंडर लीकेज में किसकी खामी थी।


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