ऑनलाइन ट्रेडिग कंपनी के तीन कर्मियों ने पैकेटों से इलेक्ट्रॉनिक सामान बदला, दस लाख 70 हजार का लगाया चूना
ऑनलाइन ट्रेडिग कंपनी से आए इलेक्ट्रॉनिक सामान को बदलकर कर्मचारियों ने कंपनी को करीब दस लाख से अधिक का चूना लगाया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
ऑनलाइन ट्रेडिग कंपनी से आए इलेक्ट्रॉनिक सामान को बदलकर कर्मचारियों ने लोहे के टुकड़े रख दिए। करीब दस लाख 78 हजार रुपये का चूना कंपनी को लगाया। इसका पता उस समय लगा, जब यह पैकेट वापस कंपनी में गए। वहां पर जांच की गई, तो मामला का खुलासा हुआ। जब इस बारे में कर्मियों से पूछताछ की, तो उन्होंने सारी बात बता दी। मामले में एसपी को शिकायत दी गई। इसके बाद सेक्टर 17 थाने में तीन आरोपित कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। कुरुक्षेत्र के गांव जैनपुर जट्टान निवासी अरुण कुमार ने बताया कि वह जगाधरी के मटका चौक के पास नमे उड़ान एक्सप्रेस प्राइवेट कंपनी में कलस्टर मैनेजर है। उनकी कंपनी का ऑनलाइन ट्रेडिग का काम है। कंपनी का गुरुग्राम के पटौदी में वेयर हाउस है। जहां पर सामान की ऑनलाइन बुकिग होती है। वहां से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सामान जगाधरी पहुंचता है। यह सामान सीलबंद गाड़ी में भेजा जाता है। सामानों की पैकिंग ऑफिस में होती है। यह पूरा काम सीसीटीवी की निगरानी में किया जाता है। जून में कंपनी ने रेलवे कालोनी निवासी शुभम कुमार को पार्सल के वितरण के लिए रखा था। 21 अगस्त को पटौदी से कुछ पार्सलों से भरी गाड़ी आई। जिसमें पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क आदि इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के 12 आर्डर वितरण के लिए दिए गए। इसी तरह 25 अगस्त को दस आर्डर शुभम को हैंडओवर किए गए। 21 अगस्त वाला आर्डर 28 अगस्त और 25 अगस्त वाला आर्डर एक सितंबर को वापस पटौदी भेज दिया गया था। इसमें ही गड़बड़ी की गई। पैकेट में बदल दिया सामान :
दो सितंबर को कंपनी ने स्थानीय कार्यालय में ई-मेल भेजा। जिसमें कहा गया कि वापस भेजे गए पार्सलों से सामान गायब हैं। उनके स्थान पर लोहे के टुकड़े रखे हुए हैं। इस ई-मेल के बाद अरुण ने अपने स्तर से जांच की और शुभम से पूछताछ की। शुभम ने उन्हें बताया कि कंपनी के कर्मचारी जगाधरी निवासी आनंद पांचाल व फतेहाबाद के गांव चिडर निवासी प्रदीप के साथ मिलकर कंपनी के पार्सल का असली सामान निकालकर उसमें प्लास्टिक कवर व लोहे के टुकड़े हुबहू पैकिग कर पार्सल को कंपनी में जमा करवा दिया। इसके लिए प्रदीप ने शुभम को 80 हजार रुपये दिए थे। जिसमें से 70 हजार रुपये शुभम ने उन्हें लौटा दिए। आरोप है कि प्रदीप, शुभम व आनंद ने मिलीभगत करके कंपनी का असली सामान धोखे से चोरी कर 10 लाख 78 हजार 200 रुपये का नुकसान किया है।