पूर्व प्रिसिपल के घर हुई डैकती व लूट कोर्ट में साबित नहीं कर पाई पुलिस, चोरी का सामान रखने पर दोषी को दो साल कैद व एक हजार जुर्माना
कालिदी कालोनी में घर में घुसकर देसी कट्टे की नोक पर बुजुर्ग दंपती से हुई लूट को पुलिस कोर्ट में शामिल नहीं कर पाई। कोर्ट ने एक दोषी को चोरी का सामान रखने की जुर्म में दो साल कैद व 500 रुपये जुर्माना किया है जबकि आर्म्स एक्ट में एक साल कैद व 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : कालिदी कालोनी में घर में घुसकर देसी कट्टे की नोक पर बुजुर्ग दंपती से हुई लूट को पुलिस कोर्ट में शामिल नहीं कर पाई। कोर्ट ने एक दोषी को चोरी का सामान रखने की जुर्म में दो साल कैद व 500 रुपये जुर्माना किया है, जबकि आर्म्स एक्ट में एक साल कैद व 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अमरिद्र शर्मा की कोर्ट ने सुनाया है। इस मामले में दो दोषियों को 27 नवंबर 2019 को एडीजे स्वाति सहगल की कोर्ट से सजा हो चुकी है। उन्हें भी चोरी का सामान रखने व आर्म्स एक्ट में सजा सुनाई गई थी। मामले में तीन आरोपित सुबूतों के अभाव में बरी हो गए थे। शहर यमुनानगर पुलिस ने छह जनवरी 2018 को कालिदी कालोनी निवासी एवं सेवानिवृत प्रिसिपल मुरारी लाल गुप्ता की शिकायत पर हथियार के बल पर डकैती व लूट का केस दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में मुरारी लाल गुप्ता ने कहा था कि वह पत्नी के साथ घर में सो रहा था। रात को करीब साढे़ तीन बजे रसोई की ग्रिल उखाड़कर पांच लड़के घर में घुसे। जिन्होंने मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था। उन्होंने हथियारों के बल पर बुजुर्ग दंपती के हाथ बांध दिए। अलमारी की चाबी लेकर उससे 30 हजार की नगदी, चांदी के सिक्के, मूर्तियां निकाल ली। पत्नी के हाथों से सोने की पांच चूडियां, कानों की बालियां व अंगुठी निकाल ली। इसके बाद वे फरार हो गए। मुरारी लाल ने बेटी को फोन कर घटना के बारे में बताया। जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
सहारनपुर के गांव रसूलपुर निवासी शमशाद को दो साल कैद व एक हजार जुर्माना मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अमरिद्र शर्मा की कोर्ट ने सोमवार को सहारनपुर के गांव रसूलपुर निवासी शमशाद को चोरी का सामान रखने पर दो साल कैद व 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि आर्म्स एक्ट में एक साल कैद व 500 रुपये जुर्माना किया है। शमशाद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर सोनी की चूडियां बरामद की थी। साथ ही उसे आर्म्स एक्ट का दोषी पाया गया। अजय व मोहम्मद इजाज को पहले हो चुकी सजा
मामले में दोषी अजय व मोहम्मद इजाज को एडीजे स्वाति सहगल की कोर्ट से 27 नवंबर 2019 को सजा हो चुकी है। उन्हें भी चोरी का सामान रखने के जुर्म में दो साल कैद व 500 रुपये जुर्माना हुआ था। जबकि आर्म्स एक्ट में एक साल कैद व 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
शिकायतकर्ता ने कहा कि पांच लोगों ने दिया वारदात को अंजाम, पुलिस ने दिखाएं छह एडवोकेट मोहित शर्मा ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट में कोई सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं की। जिससे साबित हो सके कि आरोपितों ने वारदात को अंजाम दिया है। शिकायतकर्ता ने कहा था कि पांच लोगों ने वारदात को अंजाम दिया था। जबकि पुलिस ने छह लोगों को कोर्ट में आरोपित बनाया। केस की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने आरोपितों को पहचानने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने डकैती के आरोप में सभी को बरी कर दिया। जिसमें अंबाला निवासी अजय, मोहम्मद इजाज, यमुनानगर निवासी सर्वजीत, अंबाला निवासी गगनदीप व पारस व सहारनपुर निवासी शमशाद शामिल है।