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आरसी फर्जीवाड़ा: जगाधरी के बाद अब बिलासपुर के एसडीएम का तबादला

आरसी फर्जीवाड़े की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब एसडीएम बिलासपुर का भी तबादला कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 07:09 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:09 AM (IST)
आरसी फर्जीवाड़ा: जगाधरी के बाद अब बिलासपुर के एसडीएम का तबादला
आरसी फर्जीवाड़ा: जगाधरी के बाद अब बिलासपुर के एसडीएम का तबादला

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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आरसी फर्जीवाड़े की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। फर्जीवाड़े की जांच के बीच एसडीएम बिलासपुर वीरेंद्र ढुल का भी तबादला हो गया है। बिलासपुर एसडीएम कार्यालय से भी इस फर्जीवाड़े के तार जुड़े थे। यहां से एमआरसी संजीव को गिरफ्तार किया गया। एसआइटी को 29 फाइलों में गड़बड़ी मिली थी। वीरेंद्र ढुल को कलायत एसडीएम लगाया गया है। एसडीएम बिलासपुर की जिम्मेदारी वीनेश कुमार को दी गई है। वहीं अब जगाधरी एसडीएम के पद पर सुशील कुमार को तैनात किया गया है। पहले वह रादौर में एसडीएम थे और यहां का अतिरिक्त प्रभार देख रहे थे। रादौर में जसपाल सिंह को एसडीएम लगाया गया है। जिस समय आरसी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। उसी दौरान एसडीएम जगाधरी दर्शन कुमार का तबादला कर दिया गया था। 1500 वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने की बात सामने आई मामले का मुख्य आरोपित कंप्यूटर आपरेटर अमित दस दिन के रिमांड पर है। पहले करीब दस दिन तक वह सिरसा पुलिस की रिमांड पर रहा। अब तीसरी बार उसे एसआइटी ने रिमांड पर लिया है। इससे पहले एमआरसी राजेंद्र डांगी, संजीव को भी गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया जा चुका है। करीब 1500 वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने की बात सामने आ रही है, लेकिन उस हिसाब से अभी तक रिकवरी नहीं हो रही है। आरोपित अमित ने लिए कई नाम

सिरसा पुलिस की रिमांड के दौरान ही आरोपित अमित ने इस फर्जीवाड़े में कई प्रशासनिक अफसरों व कर्मियों के शामिल होने का खुलासा किया था। जब स्थानीय एसआइटी ने उसे रिमांड पर लिया, तब भी उसने इन नामों का खुलासा किया, लेकिन अभी तक उन नामों में से किसी को भी पूछताछ में शामिल नहीं किया जा सका। इसमें अधिकारियों के नाम भी बताए जा रहे हैं। हालांकि इस बारे में सभी चुप्पी साधे हुए है। पहले रिकार्ड जुटाने के लिए लिया रिमांड

इससे पहले एसआइटी ने अमित व एमआरसी राजेंद्र डांगी को रिकार्ड जुटाने के लिए रिमांड पर लिया गया। कई दिनों तक रिकार्ड रूम में भी आरोपितों को लेकर एसआइटी गई, लेकिन अभी तक पूरा रिकार्ड ही नहीं मिल सका। कंप्यूटरों को भी खंगाला गया, लेकिन उसमें से भी फर्जीवाड़े से संबंधित पूरे दस्तावेज नहीं मिल सके। कुछ वाहनों के दस्तावेज एसआइटी को मिले हैं। हालांकि अभी तक उन दस्तावेजों के आधार पर वाहनों को रिकवर नहीं किया जा सका। सिरसा पुलिस ने भी आरोपितों को रिमांड पर रखा, लेकिन वह भी अधिक वाहन नहीं रिकवर कर सकी। डीलर सुनील व अमित हैं अब रिमांड पर

इस केस में अब तक एमआरसी राजेंद्र डांगी, संजीव कुमार, अमित व डीलर सुनील चिटकारा की गिरफ्तारी हुई है। एमआरसी डांगी व संजीव जेल में हैं। जबकि अमित व सुनील अभी रिमांड पर हैं। दो डीलरों रोहतक निवासी रामनिवास व सोनीपत निवासी कृष्ण के नाम भी पूछताछ में सामने आए, लेकिन वह भी एसआइटी की पकड़ से बाहर हैं।


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