:::अंबाला के ध्यानार्थ::: आयकर अधिकारी बन फर्जी काल करने वाले पोलिसी एजेंट को भेजा जेल
तीन करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में आयकर अधिकारी बनकर लोगों को फर्जी कॉल करने वाले अंबाला कैंट निवासी रोहित को कोर्ट ने जेल भेज दिया। पुलिस ने उसे एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मधुलिका की कोर्ट में पेश किया। वह चार अक्टूबर से पुलिस रिमांड पर था। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर भूपसिंह के मुताबिक रोहित से बरामद मोबाइल में दिल्ली स्थित आयकर विभाग के आला अधिकारियों के नाम फोन नंबर पोलिसी धारकों के खाता नंबर मोबाइल नंबर नकली आइ कार्ड व अन्य जानकारी मिली है।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : तीन करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में आयकर अधिकारी बनकर लोगों को फर्जी कॉल करने वाले अंबाला कैंट निवासी रोहित को कोर्ट ने जेल भेज दिया। पुलिस ने उसे एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मधुलिका की कोर्ट में पेश किया। वह चार अक्टूबर से पुलिस रिमांड पर था। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर भूपसिंह के मुताबिक रोहित से बरामद मोबाइल में दिल्ली स्थित आयकर विभाग के आला अधिकारियों के नाम, फोन नंबर, पोलिसी धारकों के खाता नंबर, मोबाइल नंबर, नकली आइ कार्ड व अन्य जानकारी मिली है। शहर जगाधरी पुलिस ने उसके खिलाफ जैन नगर निवासी जितेंद्र जैन (स्वर्गीय दर्शन लाल जैन के भतीजे) की शिकायत पर केस दर्ज किया था। पुलिस इस मामले में अभी तक छह लोगों को काबू कर चुकी है। जिसमें मुख्य आरोपित पंजाब के मोहाली निवासी हरविदर सिंह, विकास कुमार, राहुल, विनोद मौर्य, संजय नरवाल व अरूण गुप्ता शामिल है। फर्जी एजेंट बन करता था धोखाधड़ी:
पुलिस के मुताबिक रोहित फर्जी आयकर अधिकारी व एजेंट बनकर पोलिसी धारकों के पास फोन करता था। इस काम को अंजाम देने लिए वह मनीमाजरा व चंडीगढ़ स्थित काल सेंटर का इस्तेमाल कर रहा था। पूछे जाने पर वह उसके बारे में इंटरनेट पर सर्च करने की बात कहता था। साथ ही वह लोगों को बड़े सब्जबाग दिखाकर अपने व अपने साथियों के खातों में पैसे डलवा देता था। पुलिस के मुताबिक रोहित ने सिरसा के एक बैंक में अपने खाते में 30 लाख 70 हजार से ज्यादा रुपये टांसफर करवाए थे। रोहित के खिलाफ हरियाणा, पंजाब,हिमाचल प्रदेश, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में कई मामले दर्ज हैं। जगाधरी निवासी जितेंद्र के साथ दो बार हुई धोखाधड़ी
पुलिस के मुताबिक वर्ष 2015 में जितेंद्र के साथ धोखाधड़ी हुई थी। जिसके बाद शहर जगाधरी पुलिस ने केस दर्ज किया था। जितेंद्र अगस्त 2016 में उसके पास फोन आया कि उसके साथ पहले जो धोखाधड़ी हुई है, वह उसके सारे पैसे वापिस दिलवा सकता है। लेकिन उसे इस काम की फीस देनी पड़ेगी। जिसके बाद वह उसके झांसे में आ गया। इसके बाद उसने कई बार करके लाखों रुपये फोन करने वालों के अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए। इसके बाद भी उसे पैसे वापिस नहीं मिले। पुलिस ने वर्ष 2017 में धोखाधड़ी का एक अन्य केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच डिटेक्टिव स्टाफ को सौंपी गई थी। जिसे पता चला कि मोहाली निवासी हरविदर सिंह ने जितेंद्र के साथ ठगी की है।