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बीपीएल कॉलोनी में पहुंचे अधिकारी, ट्यूवबेल लगाने का किया वादा

लोकसभा चुनाव के दौरान नाचरौन गांव की बीपीएल कॉलोनी के लोगों का बिजली पानी की सुविधा न होने का संघर्ष रंग लाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:31 AM (IST)
बीपीएल कॉलोनी में पहुंचे अधिकारी, ट्यूवबेल लगाने का किया वादा

संवाद सहयोगी, रादौर : लोकसभा चुनाव के दौरान नाचरौन गांव की बीपीएल कॉलोनी के लोगों का बिजली, पानी की सुविधा न होने का संघर्ष रंग लाया है। दैनिक जागरण की ओर से कॉलोनी की समस्या उठाए जाने के बाद शुक्रवार को जलापूर्ति समेत अन्य विभागों के अधिकारी बीपीएल कॉलोनी में पहुंचे। वहां पर पेयजल की सप्लाई करने और सड़कों को बनाने का एस्टीमेट तैयार किया। ज्ञात हो कि इस कॉलोनी के लोगों ने सुविधाएं नहीं मिलने पर लोगों ने लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों का विरोध करने की घोषणा की थी।

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जलापूर्ति विभाग के जेई विनोद कुमार ने बताया कि बीपीएल कॉलोनी की गलियों में पाइप लाइन बिछी है। कॉलोनी के बाहर के एरिया में पाइप लाइन डालना बाकी है। इस पर विभाग की ओर से बकाया पाइप लाइन एस्टीमेट बनाया है। इसके अलावा कॉलोनी में अलग से टयूबवेल लगाने के लिए भी एस्टीमेट बनाया गया है। जल्द ही यहां टयूबवेल लगाकर पाइप लाइन बिछा दी जाएगी। वहीं, कॉलोनी के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 30 अप्रैल तक कॉलोनी में बिजली व पानी की व्यवस्था सरकार ने नहीं की गई तो वे भाजपा प्रत्याशी का विरोध जारी रखेंगे। इतना ही नहीं दो मई को शहर के त्रिवेणी चौक पर जाम लगाकर विरोध करेंगे। 10 वर्ष से सुविधाओं को तरस रहे हैं अधिकारी

कॉलोनी निवासी गुरबाज सिंह, चंद्रपाल कश्यप, मायाराम जोगी, सरदार बूटा सिंह, मायाराम कश्यप, सोमनाथ, जगरूप सिंह, मेहर सिंह, रामचरण, संतरो देवी, रितू, कमलेश, सुखदेवी, सोना देवी, अरविद्र कौर ने बताया कि महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत दो अक्टूबर 2008 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती पर जिले में क्षेत्र के गांव नाचरौन में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना की शुरूआत की गई थी। 10 वर्ष बीत जाने के बाद उनके विरोध के चलते अब सरकार व प्रशासन को चुनाव के कारण उनकी याद आई है। दस वर्ष से वह बिजली और पानी को तरस गए है, लेकिन न तो सरकार और न ही स्थानीय विधायक ने उनकी कोई सुनवाई की। वह बिना बिजली व पानी के नरक का जीवन जी रहे है, लेकिन सरकार व प्रशासन को उन पर कोई तरस नहीं आया। वर्षों से वह सबकी मिन्नते करके थक गए है। वे प्रशासन के किसी झांसे में आने वाले नहीं हैं। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो विरोध जारी रहेगा।


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