दस सेकेंड में श्रवण को गोली मार 50 लाख नौ हजार रुपये लूट ले गए बदमाश
एचडीएफसी बैंक में 50 लाख नौ हजार रुपये जमा कराने आया पुराना हमीदा निवासी श्रवण कुमार को जिस समय गोली मारी गई। उस दौरान सड़क पर पूरी चहल पहल थी। करीब 100 मीटर की दूरी पर महाराणा प्रताप चौक पर ट्रैफिक थाना पुलिस व होमगार्ड ड्यूटी पर थे। इसके बावजूद बदमाश वारदात कर भाग निकले।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
एचडीएफसी बैंक में 50 लाख नौ हजार रुपये जमा कराने आया पुराना हमीदा निवासी श्रवण कुमार को जिस समय गोली मारी गई। उस दौरान सड़क पर पूरी चहल पहल थी। करीब 100 मीटर की दूरी पर महाराणा प्रताप चौक पर ट्रैफिक थाना पुलिस व होमगार्ड ड्यूटी पर थे। इसके बावजूद बदमाश वारदात कर भाग निकले। वारदात को भी सेकेंडों में अंजाम दिया गया। जिस तरह से वारदात की गई। उससे अंदेशा यही लगाया जा रहा है कि बदमाशों को कैश के बारे में पूरी जानकारी थी। हालांकि जब पुलिस ने घटनास्थल व उसके आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, तो उसमें बदमाशों के हाव भाव एसआइ पर गोली चलाने वाले बदमाशों से मेल खा रहे हैं।
परिवार के मुताबिक, श्रवण सुबह घर से साढ़े आठ बजे निकला था। वह पहले फैक्ट्री गया। वहां से उसे व्यापारी अजय बंसल ने घर बुला लिया था, ताकि वह बैंक में कैश जमा कर सके। यहां से वह करीब सवा नौ बजे व्यापारी के घर पहुंच गया था। इसके बाद पैसा लेकर बैंक में जमा कराने के लिए चल दिया। जिस एचडीएफसी बैंक में वह पैसा जमा कराने गया था। चौक के पास होने की वजह से वहां पर वाहनों की भीड़ रहती है। ऐसे में श्रवण ने अपनी गाड़ी थोड़ा दूरी पर खड़ी की थी। तभी करीब दस बजे यह वारदात हो गई।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि एक बदमाश मुंह पर मास्क लगाए हुए हैं। वह आकर एक बाइक पर बैठता है। तभी श्रवण इनोवा कार लेकर आता है। जैसे ही वह बैंक की ओर को चलने लगता है, वैसे ही बदमाश उसकी तरफ को चल देता है। वह उससे बैग छीनने की कोशिश करता है। जिसमें दोनों के बीच हाथापाई भी होती है। इतने में बदमाश उसे गर्दन से सटाकर गोली मार देता है। जिससे श्रवण मौके पर ही गिर पड़ता है और बदमाश अपने एक अन्य साथी के साथ बैठकर कन्हैया साहिब चौक की ओर फरार हो जाता है। गोली की आवाज सुनते ही आसपास के लोग एकत्र हो जाते हैं। इतने में बैंक के कर्मचारी भी बाहर आ जाते हैं। वह उसे अपनी गाड़ी में डालकर निजी अस्पताल में दाखिल कराते हैं। पुलिस के खिलाफ स्वजनों में गुस्सा :
जैसे ही अस्पताल में श्रवण की मौत हुई। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। स्वजनों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा था। यहां तक आरोप लगाए गए कि पुलिस के सामने यह हत्या हुई है। पुलिस बदमाशों से मिली हुई है। श्रवण की पत्नी आशा व अन्य स्वजनों ने मौके पर मौजूद डीएसपी को भी काफी भला बुरा कहा। यहां तक कि एक डीएसपी के साथ आशा की झड़प तक हो गई। किसी तरह से अन्य लोगों ने उन्हें शांत किया। किसी तरह से यहां से शव को सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस में भिजवाया गया। मृतक श्रवण के चाचा कैलाश का कहना था कि हत्यारों को पुलिस पकड़कर उनके सामने पेश करें। यदि यह घटना किसी पुलिस वाले के साथ होती, तो अब तक बदमाशों को पकड़ लिया गया होता। पुलिस की ही लापरवाही से घटना हुई है। वहीं पोस्टमार्टम हाउस पर मृतक के स्वजनों को सांत्वना देने मेयर मदन चौहान, भाजपा नेता जंगेशर सिंह व व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र मित्तल पहुंचे। महेंद्र मित्तल ने कहा कि जिले में क्राइम बढ़ रहा है। पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। अजय बंसल का बीपी हुआ हाई, अस्पताल में हुए दाखिल :
व्यापारी अजय बंसल को जैसे ही श्रवण की हत्या व 50 लाख नौ हजार रुपये कैश लुटने का पता लगा, तो वह तुरंत गाबा अस्पताल में पहुंचे। जहां स्वजनों ने उन पर भी गंभीर आरोप लगा दिए। यहां तक कहा कि बिना सिक्योरिटी के कैश जमा कराने भेज दिया। उसकी वजह से ही श्रवण की हत्या हुई है। यहां पर अजय बंसल का बीपी हाई हो गया। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिस पर उन्हें भी अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा। पुलिस ने उनसे इतने कैश के बारे में भी पूछा, तो अजय बंसल ने बताया कि श्रवण उनका काफी वफादार नौकर था। वह बिल्कुल परिवार के मेंबर की तरह था। तीन दिन तक बैंक बंद रहने की वजह से कैश इकट्ठा हो गया था। वैसे रोजाना रूटीन में सुबह के समय कैश जमा कराया जाता था। दो कारें, सात टैंपो और 30 नौकर :
व्यापारी अजय बंसल के पास पेप्सी व बोतलबंद पानी की एजेंसी है। उनके पास दो कारें हैं और सात टैंपों है। जिन पर नौ ड्राइवर हैं। इसके अलावा उनकी फैक्ट्री में 30 नौकर कार्य करते हैं। पुलिस अब इन सबसे भी जानकारी जुटा रही है। यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि श्रवण बैंक में गया है। यह जानकारी किस किस को थी। श्रवण के पास एक बेटा व बेटी :
श्रवण के पिता अभिलाष चौरसिया मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया के गांव मुंडेरा जगदीश के रहने वाले हैं। वह करीब 45 साल पहले यहां पर आ गए थे। यहीं पर निजी कंपनी में नौकरी करते थे। अब सेवानिवृत्त होने के बाद वापस चले गए थे, जबकि श्रवण व उसका भाई हीरालाल यही पर रह रहे थे। मृतक श्रवण का भाई हीरालाल सब्जी बेचने का कार्य करता है। जबकि श्रवण का बेटा राहुल दुबई में नौकरी करता है। बेटी शालू चंडीगढ़ में पढ़ रही है। करीब 15 दिन पहले श्रवण के घर से 60 हजार रुपये भी चोरी हो गए थे।