चार दिन से बंद बैंकों का आज खुलेगा ताला, लोग रहे परेशान
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मंगलवार को भी बंद रहे। 200 से अधिक बैंक शाखाओं पर दिनभर ताला लटका रहा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मंगलवार को भी बंद रहे। 200 से अधिक बैंक शाखाओं पर दिनभर ताला लटका रहा। जिन्हें हड़ताल के बारे में पता नहीं था वह मंगलवार को भी बैंक में आए। परंतु ताला लटका देख कर वापस चले गए। बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वह वर्कशाप रोड पर बैंक आफ इंडिया के सामने एकत्रित हुए। कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बैंकों का निजीकरण किया गया तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। चार दिन बाद अब बुधवार को बैंक खुलेंगे।
यूनाइटेट फोर्म आफ बैंक यूनियन के बैनर तले कर्मचारी एकत्रित हुए। इसकी अध्यक्षता एसके कटारिया ने की। प्रदर्शन कर रहे नरोत्तम अग्रवाल, प्रिया, वंदना, साक्षी, राजीव शर्मा, मनीष, जरनैल व सुभाष ने कहा कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे सभी सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करने पर तुली है। जबकि निजीकरण से बैंकों को कोई फायदा नहीं होने वाला। निजीकरण होने से कंपनियां अपनी मर्जी से काम करेंगी। जिससे बैंक ग्राहकों को सुविधाएं नहीं मिलेंगी। यदि ऐसे ही सभी उपक्रमों का निजीकरण होता रहा तो काम कैसे चलेगा। बैंक कर्मचारी किसी भी सूरत में बैंकों का निजीकरण नहीं होने देंगे।
हड़ताल से 65 करोड़ लेन-देन प्रभावित
हड़ताल की वजह से जिले में 65 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। इस हड़ताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परेशानी ज्यादा हुई। क्योंकि छोटे-छोटे कार्य करने के लिए भी ग्रामीण बैंक से ही रुपये लेते हैं। दो दिन तो हड़ताल के कारण ही वह बैंक से रुपये नहीं निकलवा पाए। जबकि शनिवार व रविवार को छुट्टी होने के कारण बैंक नहीं खुल पाए। बैंकों में ज्यादातर सीनियर सिटीजन जाते हैं। पेंशन लेने के लिए रोजाना बैंकों में लाइन लगी रहती है। परंतु हड़ताल के चलते लोग खातों से पेंशन भी नहीं निकलवा पा रहे।