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हाउस की बैठक में छाएगा निगम की जमीन का मुद्दा, अधिकारियों को घेरने के मूड में पार्षद

लंबे इंतजार के बाद हाउस की बैठक 27 अप्रैल को होनी प्रस्तावित है। पार्षदों से एजेंडे लेने शुरू कर दिए हैं। निगम अधिकारी इसकी तैयारी में लगे हुए हैं। इस बार बैठक में नगर निगम की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जों का मुद्दा छाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 05:23 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:23 AM (IST)
हाउस की बैठक में छाएगा निगम की जमीन का मुद्दा, अधिकारियों को घेरने के मूड में पार्षद
हाउस की बैठक में छाएगा निगम की जमीन का मुद्दा, अधिकारियों को घेरने के मूड में पार्षद

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लंबे इंतजार के बाद हाउस की बैठक 27 अप्रैल को होनी प्रस्तावित है। पार्षदों से एजेंडे लेने शुरू कर दिए हैं। निगम अधिकारी इसकी तैयारी में लगे हुए हैं। इस बार बैठक में नगर निगम की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जों का मुद्दा छाएगा। वार्ड-10 की शांति कालोनी में निगम की जमीन बेचे जाने का मामला उजागर होने के बाद पार्षद कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। उधर, हाउस की पहली बैठकों में यह मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया। इस बार पार्षद अधिकारियों को घेरने के मूड में हैं। पार्षदों का कहना है कि निगम अधिकारी अपनी ही जमीन की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा विकास के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। उधर, शांतिनगर में निगम की जमीन बेचे जाने के मामले में डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर ने पटवारी से रिकार्ड मांगा है। पटवारी संबंधित जमीन का रिकार्ड जुटा रहे हैं। उधर, पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्होंने पैसे देकर जगह खरीदी है। किसी भी सूरत में जगह नहीं छोड़ेंगे। हालांकि सोमवार को दोनों पक्षों में बातचीत हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। निगम बनने के बाद बढ़े अवैध कब्जे

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वर्ष 2010 में नगर निगम का गठन हुआ। उसके बाद आउटर के वार्डों में अवैध कब्जों के मामले बढ़े हैं। खासतौर पर तालाबों पर भू-माफिया की नजर है। निगम के गठन के बाद हाउस की पहली बैठक में तत्कालीन पार्षद कर्मवीर सेठी ने यह मुद्दा रखा रखा था। उनका तर्क था कि जो गांव निगम में शामिल हुए हैं, उनमें निगम की जमीन पर अवैध कब्जों की शिकायतें आ रही हैं। इसलिए जमीन की तारबंदी जरूरी है। इस पर निगम अधिकारियों ने जमीन की निशानदेही करवाकर तारबंदी करने की बात कही थी, लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बावजूद स्थिति ज्यों कि त्यों है। धूल फांक रही निशानदेही के लिए खरीदी मशीन

22 वार्डो में निगम की जमीन की निशानदेही के लिए अधिकारियों ने टोटल डिजिटल मशीन जरूर खरीदी, लेकिन यह धूल फांक रही है। शुरुआती दौर में तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर भारत भूषण कौशिक ने चार वार्डों में निशानदेही करवाई थी। इस दौरान सभी वार्डों में निगम की जमीन पर अवैध कब्जे मिले थे, लेकिन उनके तबादले के बाद यह प्रक्रिया रुक गई। नगर निगम की कृषि योग्य जमीन पर भी अवैध कब्जों की शिकायतें आ रही हैं। पार्षदों में रोष

वार्ड-20 से पार्षद प्रतिनिधि नीरज राणा, वार्ड-12 से संजीव कुमार, वार्ड-13 से निर्मल चौहान व वार्ड चार से देवेंद्र कुमार का कहना है कि सभी वार्डों में निगम की जमीन की तारबंदी जरूरी है। ऐसा न होने के कारण लगातार अवैध कब्जों की शिकायतें आ रही हैं। हाउस की हर बैठक में यह मुद्दा रखा जा रहा है। इस बार बैठक में प्रमुखता से यह मामला उठाया जाएगा। कृषि योग्य जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कर लीज पर दिया जाए, ताकि निगम की आमदन बढ़ सके। किसी भी वार्ड में नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। शांति कालोनी में निगम की जमीन बेचे जाने संबंधी मामले की जांच की जा रही है। पटवारी को संबंधित जमीन का रिकार्ड जुटाने के लिए कहा गया है। इस मामले में जो भी कसूरवार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

अशोक कुमार, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर, नगर निगम


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