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फैक्ट्रियों और ढाबों पर खप रही घरेलू गैस, सरेआम हो रहा अवैध कारोबार, अफसर सब जानकर भी अनजान

शहर की फैक्ट्रियों से लेकर चाय की रेहड़ी तक सभी जगह घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल हो रहा है। फिर भी प्रशासन आंख मूंद कर अंजान बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 02:22 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 02:22 AM (IST)
फैक्ट्रियों और ढाबों पर खप रही घरेलू गैस, सरेआम हो रहा अवैध कारोबार, अफसर सब जानकर भी अनजान
फैक्ट्रियों और ढाबों पर खप रही घरेलू गैस, सरेआम हो रहा अवैध कारोबार, अफसर सब जानकर भी अनजान

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर की फैक्ट्रियों से लेकर चाय की रेहड़ी तक सभी जगह घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल हो रहा है। फिर भी प्रशासन आंख मूंद कर अंजान बना हुआ है। घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही। घरेलू गैस को बेचने का अवैध धंधा सरेआम व निडरता से किया जा रहा है फिर भी अधिकारियों के पास इनके खिलाफ कार्रवाई करने का बिल्कुल भी टाइम नहीं है। गैस से काटी जा रही लोहे की शीट :

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मेटल व हार्ड व‌र्क्स फैक्ट्रियों में घरेलू गैस का प्रयोग लोहे की मोटी शीट को काटने में हो रहा है। लोहे की शीट को मशीनरी से काटना असंभव है। इसलिए फैक्ट्ररी संचालक गैस एजेंसियों से घरेलू गैस सिलेंडर लेकर आते हैं और फिर इनकी मदद से शीट को मनचाहे आकार में काट दिया जाता है। शायद ही जिला की कोई ऐसी फैक्ट्री होगी जिसमें घरेलू सिलेंडर रखे हों। साथ ही गैस वे¨ल्डग भी इसी गैस से की जा रही है। 27 एजेंसियों से होती है गैस की सप्लाई :

जिला में 27 गैस एजेंसियों के माध्यम से गैस की सप्लाई होती है। इनमें बीपीसी की 10, एचपीसी की पांच व आइओसी की 12 एजेंसियां हैं। जिन पर घरेलू व कर्मिशयल गैस के 299274 कनेक्शन है। कर्मिशयल इस्तेमाल के लिए जो घरेलू गैस सिलेंडर लगाए जा रहे हैं वो कहीं न कहीं इन्हीं गैस एजेंसियों से ही आ रहे हैं। फिर भी अधिकारी किसी पर कार्रवाई करना तो दूर एजेंसियों पर जाकर जांच तक नहीं करते। चार माह पहले घर से पकड़े थे 23 सिलेंडर :

गत 18 मई को एएफएसओ सुनील शर्मा ने टीम के साथ प्रोफेसर कॉलोनी में शनि देव मंदिर के नजदीक घर पर छापा मार 23 सिलेंडर बरामद किए थे। इनमें 17 सिलेंडर कर्मिशयल व छह घरेलू गैस के थे। जिसके पास से सिलेंडर पकड़े गए थे वो घरेलू सिलेंडर की गैस निकाल कर कॉर्मिशयल सिलेंडर में भरकर बेचता था। सात कर्मिशयल व तीन घरेलू गैस सिलेंडर भरे थे जबकि बाकी खाली थे। कर्मिशयल गैस सिलेंडर इंडेन कंपनी व घरेलू सिलेंडर में से दो भारत, तीन इंडेन व एक एचपी कंपनी का था। तब एएफएसओ ने थाने में आरोपित के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था। साथ ही जांच के लिए कंपनी को भी लिखा था लेकिन चार माह से जांच फाइलों में अटकी है। दोनों सिलेंडरों में जमीन आसमान का रेट :

घरेलू गैस की काला बाजारी की बड़ी वजह दोनों सिलेंडरों के रेट में जमीन आसमान का अंतर होना है। घरेलू घर सिलेंडर इस वक्त 852 रुपये का है। सिलेंडर में गैस 14 किलोग्राम ही होती है। 852 रुपये भुगतान के बाद सब्सिडी बैंक खाते में आ जाती है। जबकि 19 किलोग्राम गैस वाला कर्मिशयल सिलेंडर 1488 रुपये का है। इसके अलावा प्रत्येक सिलेंडर की 1700 रुपये रिफंडेबल सिक्योरिटी राशि जमा करानी होगी। दो सिलेंडर चाहिए तो 3400 रुपये जमा कराने होंगे। चे¨कग की जाएगी : सुरेंद्र धौलरा

डीएफएससी सुरेंद्र धौलरा ने बताया कि घरेलू गैस का कर्मिशयल इस्तेमाल गैर कानूनी है। यदि किसी एरिया में ऐसा हो रहा है तो टीम को भेजकर इसकी जांच करवाई जाएगी। जो भी दोषी होगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


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