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जिप के निवर्तमान सदस्य के प्रमाण पत्र को सही बताने वाले बीईओ को विभाग ने किया चार्जशीट

जिला परिषद से वार्ड-3 के निवर्तमान पार्षद मामचंद गुर्जर के 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र को जांच में सही बताने वाले सरस्वतीनगर के तत्कालीन बीईओ सुरेंद्र पाल चौहान को चार्जशीट किया है। साथ ही उनसे लिखित में अपना जवाब पेश करने को कहा गया है। इसके बाद विभाग द्वारा उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:15 PM (IST)
जिप के निवर्तमान सदस्य के प्रमाण पत्र को सही बताने वाले बीईओ को विभाग ने किया चार्जशीट
जिप के निवर्तमान सदस्य के प्रमाण पत्र को सही बताने वाले बीईओ को विभाग ने किया चार्जशीट

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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जिला परिषद से वार्ड-3 के निवर्तमान पार्षद मामचंद गुर्जर के 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र को जांच में सही बताने वाले सरस्वतीनगर के तत्कालीन बीईओ सुरेंद्र पाल चौहान को चार्जशीट किया है। साथ ही उनसे लिखित में अपना जवाब पेश करने को कहा गया है। इसके बाद विभाग द्वारा उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया जाएगा। लिखित जवाब व व्यक्तिगत सुनवाई के आधार पर विभाग आगामी कार्रवाई करेगा। डीईओ यमुनानगर सतपाल कौशिक का कहना है कि शिकायतकर्ता ने सीएम विडो लगाई थी। जिस पर विभाग ने सुरेंद्र चौहान को चार्जशीट कर दिया है। उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया है। इस बारे में ज्यादा जानकारी आदेशों को पढ़ने के बाद ही बता सकते हैं। इन दिनों अंबाला के डुलियाना में हैं कार्यरत :

तत्कालीन बीईओ सुरेंद्र पाल चौहान का तबादला जिला अंबाला के उपमंडल बराड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डुलियाना में हो चुका था। वह डुलियाना स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक 5/116-2021 एचआरजी-1 (1) के तहत हरियाणा सिविल सर्विस (दंड एवं अपील) नियम 2016 के अंतर्गत नियम-8 में चार्जशीट किया है। सुरेंद्र पाल चौहान ने जब मामचंद गुर्जर के 10वीं कक्षा की सत्यता की जांच की थी तो उनके पास बीईओ सरस्वतीनगर का कार्यभार था। संजीव ने आरटीआइ में मांगी थी सूचना :

गांव मुजाफत निवासी संजीव कुमार ने बताया कि मामचंद गुर्जर ने जिला परिषद चुनाव के लिए नामांकन करते समय 10वीं कक्षा का प्रमाण पत्र लगाया था। उसे किसी परिचित के माध्यम से पता चला कि मामचंद ने 10वीं का जो प्रमाण पत्र लगाया है वह फर्जी है। यह प्रमाण पत्र बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर द्वारा वर्ष 2009 में जारी किया था। तब उसने डीईओ कार्यालय जिला ग्वालियर मध्य प्रदेश में आरटीआइ लगाई। उसे आरटीआइ में सूचना दी गई कि बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर के नाम से शिक्षा बोर्ड नहीं है। रिकार्ड के आधार पर उसने डीसी, एसपी व डीईओ यमुनानगर को मामचंद गुर्जर के खिलाफ शिकायत दी थी। इसकी जांच जिला के तत्कालीन डीईओ आनंद चौधरी को सौंपी थी। आनंद चौधरी ने जांच का जिम्मा बीईओ सुरेंद्र पाल चौहान को सौंप दिया था। अपनी जांच में सुरेंद्र पाल ने मामचंद के प्रमाण पत्र को सही बताया था। आनंद चौधरी 31 अगस्त 2019 को सेवानिवृत हो चुके हैं। पुलिस कर चुकी है केस दर्ज :

संजीव द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर थाना बिलासपुर पुलिस ने 20 सितंबर 2018 को पार्षद मामचंद गुर्जर के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। यह केस कोर्ट के आदेशों पर दर्ज हुआ था। इस मामले में मामचंद फिलहाल बेल पर हैं। अब मामले की जांच स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकूला की टीम कर रही है। 20 सितंबर को संजीव ने सीएम विडो पर शिकायत देकर इस मामले में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने सुरेंद्र पाल को चार्जशीट कर किया है।


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