134ए का टेस्ट देने आए दूसरी कक्षा के बच्चे रोने लगे, टीचरों ने टॉफी, बिस्कुट खिलाकर कराया चुप
134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने के लिए रविवार को 445
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने के लिए रविवार को 4458 विद्यार्थियों ने टेस्ट दिया। जबकि 918 विद्यार्थी टेस्ट देने के लिए परीक्षा केंद्रों में नहीं पहुंचे। कई सेंटरों में टीचर उस वक्त दुविधा में फंस गए जब दूसरी कक्षा के बच्चे टेस्ट से पहले जोर-जोर से रोने लग गए। टीचरों के काफी प्रयास के बाद भी वे चुप नहीं हो रहे थे। ऐसे में टीचरों ने बच्चों के लिए टॉफी व बिस्कुट मंगवा कर उन्हें दिए तब जाकर वे चुप हुए। आठ परीक्षा केंद्रों पर शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार निरीक्षण करते रहे। इसके अलावा डायरेक्टरेट से एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर सुधा तंवर ने भी कई परीक्षा केंद्रों पर जाकर टेस्ट का जायजा लिया। छोटे बच्चों को नहीं थी टेस्ट की जानकारी :
प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए 134ए के तहत दूसरी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों ने आवेदन किया था। दूसरी व तीसरी कक्षा के बच्चों को तो ये भी नहीं पता था कि उन्हें दाखिले से पहले टेस्ट देना होगा। परिजन उन्हें परीक्षा केंद्रों पर छोड़ कर चले गए। टीचरों ने सभी बच्चों को कमरों के अंदर लाइन में बिठा दिया। ऐसे में बच्चों को समझ में नहीं आया कि उनके साथ क्या हो रहा है। अभी परीक्षा शुरू भी नहीं हुई और काफी बच्चों ने रोना व चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ बच्चों ने रोना शुरू किया तो अन्य बच्चे भी उनको देखकर रोने लगे। टीचरों ने उन्हें चुप करवाने की बहुत कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। यह बात स्कूल के प्रिसिपल को बताई गई। इस पर प्रिसिपल ने चपरासी को भेजकर बाजार से टॉफी व बिस्कुट मंगवा कर बच्चों को दिए तब जाकर वे चुप हुए और किसी तरह परीक्षा दी। ज्यादातर केंद्रों पर बच्चों के ऐसे ही रोने की बात सामने आई। अनुपस्थित रहने से सीटें हुई ज्यादा:
मुफ्त दाखिले के लिए प्राइवेट व राजकीय स्कूलों के 5376 विद्यार्थियों के आवेदन आए थे। जबकि गरीब बच्चों के लिए रिजर्व सीटों की संख्या 5006 हैं। 5376 में से 918 बच्चे टेस्ट देने के लिए ही नहीं पहुंचे। जबकि इन सभी को रोल नंबर जारी किए गए थे। इनके टेस्ट नहीं देने की वजह अधिकारियों को भी समझ नहीं आ रही है। आवेदनों ज्यादा व रिजर्व सीटें कम होने से कयास लगाया जा रहा था कि दाखिले के लिए मारामारी हो सकती है। लेकिन 918 बच्चों के अनुपस्थित रहने से अब बच्चे कम व सीटें ज्यादा हो गई हैं। जिससे सभी बच्चों को आसानी से दाखिला मिल जाएगा। रोल नंबर पर टेस्ट का समय 10 से एक बजे तक :
टेस्ट का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे था। लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों को जो रोल नंबर दिए गए थे उन पर टेस्ट का समय सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक लिखा था। इससे टेस्ट देने वाले विद्यार्थी व अभिभावक दुविधा में पड़ गए। दर्जनों बच्चे ऐसे थे जिन्होंने अपना टेस्ट तो 12 बजे खत्म कर दिया लेकिन अभिभावक उन्हें लेने के लिए दोपहर एक बजे पहुंचे। एक घंटे तक बच्चों को टीचरों ने संभाला। यहां तक की टीचरों ने अभिभावकों को बुलाने के लिए फोन भी किया। कुछ के नंबर स्विच ऑफ आए। व्यवस्था को सभी ने सराहा :
जगाधरी ब्लॉक का टेस्ट राजकीय स्कूल कैंप, जगाधरी के झंडा चौक स्थित राजकीय मॉडल व कन्या स्कूल में हुए। तीनों ही स्कूलों में बीईओ द्वारा की गई व्यवस्था को सभी अभिभावकों ने सराहा। बच्चों को कक्षा तक छोड़ने के लिए तीनों जगह 50-50 वालेंटीयर लगाए गए थे। टेस्ट शुरू होने से पहले ही सभी अभिभावकों को बोल दिया गया था कि दोपहर को वे अपने बच्चे को उसी कमरे से लेकर जाएं जहां पर छोड़ कर गए थे। इसलिए किसी भी बच्चे को बाहर अकेला नहीं जाने दिया गया। टीचरों के सहयोग से संपन्न हुआ टेस्ट : जय सिंह
बीईओ जगाधरी जय सिंह जुल्का ने बताया कि छोटे बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकते थे। ऐसा करने से वे परिजनों से बिछड़ सकते थे या फिर कोई अनहोनी होने की आशंका भी रहती। इसलिए सभी टीचरों को टेस्ट शुरू होने से पहले ही ड्यूटी के बारे में ठीक से समझा दिया गया था। टीचरों के सहयोग से परीक्षा ठीक हुई। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे रोने लग गए थे इसलिए उन्हें टॉफी व बिस्कुट देकर चुप करवाया गया। उधर, डीईओ आनंद चौधरी ने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई। जिनके रोल नंबर नहीं मिल सके थे उन्हें परीक्षा केंद्र पर ही दिए गए। जिला में 134ए के तहत हुए टेस्ट पर एक नजर : कक्षा कुल उपस्थित अनुपस्थित
2 931 790 141
3 734 625 109
4 642 528 114
5 678 580 98
6 734 601 133
7 599 496 103
8 486 389 97
9 413 333 80
10 117 93 24
12 42 23 19 कुल 5376 4458 918