10 साल रोड सेफ्टी पर बातें ही की, काम कुछ नहीं किया, सड़कों से नीचे बरम, ब्लिकर तक पड़े खराब
10 साल से रोड सेफ्टी पर अधिकारी केवल बातें ही कर रहे हैं। कड़वा सच ये है कि मीटिग करने वालों ने हकीकत में कुछ किया ही नहीं। दशक में अधिकारी सड़कों के बरम ही दुरुस्त नहीं करा सके तो अन्य खामियों के दूर होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सड़कों पर आए दिन हो रहे हादसों से प्रशासन ने बिल्कुल भी सबक नहीं ले रहा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 10 साल से रोड सेफ्टी पर अधिकारी केवल बातें ही कर रहे हैं। कड़वा सच ये है कि मीटिग करने वालों ने हकीकत में कुछ किया ही नहीं। दशक में अधिकारी सड़कों के बरम ही दुरुस्त नहीं करा सके तो अन्य खामियों के दूर होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सड़कों पर आए दिन हो रहे हादसों से प्रशासन ने बिल्कुल भी सबक नहीं ले रहा। ट्रैफिक लाइट भी काम नहीं कर रही :
यातायात कंट्रोल करने के लिए शहर में लगाई गई ट्रैफिक लाइट भी ठीक से काम नहीं कर रही। जगाधरी-बिलासपुर रोड पर गुलाब नगर चौक पर लगाई गई ट्रैफिक लाइट करीब एक साल से खराब पड़ी है। जब भी अधिकारी चंडीगढ़ मीटिग में जाते हैं तो इसी रास्ते से होकर जाते हैं, लेकिन आज तक किसी को ये खराब लाइट नहीं दिखी। हो सकता है देखकर भी अनदेखा कर दिया हो। इस तरह जगाधरी बस स्टैंड के साथ डॉ. भीमराव आंबेडकर चौक पर लगी एक ट्रैफिक लाइट को छछरौली की तरफ से आ रहे रेत से भरे ट्रक ने 23 मार्च की रात टक्कर मार कर तोड़ दिया था। दो दिन तक टूटी लाइट सड़क पर ही पड़ी रही लेकिन किसी ने इसे उठाया नहीं। इसे ठीक कराने की बजाय स्टोर में फेंक दिया गया। उधर, पंचायत भवन के सामने व कन्हैया साहिब चौक पर लगी ट्रैफिक लाइट भी लंबे समय से खराब हैं। टूट चुके या फिर खराब पड़े हैं ब्लिकर :
भीड़ वाली जगहों से गुजर रही सड़कों पर वाहन धीरे चले इसके लिए ब्लिकर लगाए गए थे, लेकिन 70 प्रतिशत ब्लिकर खराब हैं या फिर टूट चुक है। खराब ब्लिकर देखना हो तो कहीं जाने की जरूरत नहीं, सचिवालय के पास हाईवे किनारे बने डीसी आमना तस्नीम के आवास के सामने लगा ब्लिकर भी अरसे से खराब पड़ा है। इसके अलावा जगाधरी में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस मोड़, पंडित ऑटो मोबाइल के नजदीक, सेक्टर-18 के मोड़ पर पर लगे ब्लिकर खराब हैं। जिला रोजगार कार्यालय के ठीक सामने व सरोजनी कॉलोनी के मोड़ पर लगे दो ब्लिकर तो टूट कर नीचे लटके हुए हैं। इसके अलावा ओर भी दर्जनों ब्लिकर ऐसे हैं जिन्हें आज तक ठीक करवाने की जहमत नहीं उठाई गई। जगाधरी के जेल के पास दादूपुर-नलवी नहर की पटरी पर बनाई गई सड़क पर चार ब्लिकर लगाए गए थे। चोरों ने इनकी बैटरी और लाइट दोनों चोरी कर लिए। अब यहां केवल पोल ही खड़े हैं। आरटीए ऑफिस के मोड़ पर ही नीचे हैं बरम :
रोड सेफ्टी की मीटिग व खामियों को दूर करवाने की जिम्मेदारी आरटीए की है, लेकिन जगाधरी में तो उनके कार्यालय के मोड़ पर ही बरम सड़क से डेढ़ फुट नीचे हैं। तेज गति में यदि कोई वाहन अचानक नीचे उतारना पड़ जाए तो वह निश्चित ही क्षतिग्रस्त हो जाएगा। इसी तरह 15 किलोमीटर लंबे जगाधरी-बिलासपुर स्टेट हाईवे के बरम कहीं से भी सड़क के लेवल में नहीं है। जगाधरी-अंबाला रोड पर भी सड़क व बरम में डेढ़ फुट से ज्यादा की अंतर है। खुद थाना सदर जगाधरी व पुलिस लाइन के सामने ही बरम ठीक नहीं है। चौक पर स्टॉपेज व जेबरा लाइन भी नहीं :
लोगों को चौक पर अपना वाहन कहां रोकना है इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है। जगाधरी चौक पर जेबरा व स्टॉपेज लाइन दोनों नहीं है। सड़कों पर सेंटर लाइन व एज लाइन तक नहीं खींची गई। सभी चौक पर बनाए गए डिवाइडर टूट चुके हैं। रात को वाहन इनसे टकरा जाते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर चौक से आरटीए कार्यालय के मोड़ तक डिवाइडर पर लगाई गई लोहे की ग्रिल टूट चुकी है। तीव्र मोड़ों पर संकेतक नहीं है। कलानौर से कैल तक नेशनल हाईवे अब पीडब्ल्यूडी के पास आ चुकी है, लेकिन न्यायालय के सामने अभी भी एनएच-73 का बोर्ड लगा है। एडीसी से नहीं हुआ संपर्क :
इस बारे में बात करने के लिए एडीसी एवं आरटीए प्रशांत पंवार से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।