बिजली का निजीकरण करने के विरोध में हड़ताल कर किया प्रदर्शन
हरियाणा पावर इंजीनियरिग एसोसिएशन ने सरकार की निजीकरण की नीति के विरोध में हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : हरियाणा पावर इंजीनियरिग एसोसिएशन ने सरकार की निजीकरण की नीति के विरोध में हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया। अध्यक्ष पंकज देसवाल ने बताया कि निजीकरण से देश के 15 लाख बिजली कर्मी व इंजीनियर प्रभावित होंगे। केंद्र सरकार की बिजली के निजीकरण की नीति और बजट में निजीकरण की घोषणा से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, दिल्ली व ग्रेटर नोएडा में बुरी तरह से विफल हो चुका है। फिर भी केंद्र सरकार ने बिजली के निजीकरण के लिए इलेक्ट्रिसिटी बिल 2021 व स्टैंडर्ड बिडिग डाक्यूमेंट जारी किया है। जिस कारण देश भर के बिजली कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ व पांडेचेरी में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। जिसके विरोध में बुधवार को देशभर के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियंताओं ने एक दिन की हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में इलेक्ट्रिसिटी बिल 2021 व स्टैंडर्ड बिडिग डॉक्यूमेंट वापस लेना, निजीकरण की सारी प्रक्रिया निरस्त करना, सभी फ्रेंचाइजी करार समाप्त करना, विद्युत उत्पादन व वितरण निगमों को एकीकृत कर एसईबी लिमिटेड का गठन करना, बिजली कर्मियों की पुरानी पेंशन बहाल करना, तेलंगाना की तरह संविदा कर्मचारियों को नियमित करना, शामिल हैं।
एक लाख सलाना आय वाले परिवारों की होगी जांच : रणजीत कौर
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एडीसी रणजीत कौर ने जिला सचिवालय के सभागार में तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी व अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने परिवारों के पहचान पत्र बनवाने से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एडीसी रणजीत कौर ने बताया कि सरकार की हिदायतों के अनुसार परिवार पहचान पत्र में जिन परिवारों की सलाना आय एक लाख रुपये से कम है, उन परिवारों की जिले के सभी पटवारियों की ओर से जाति की जांच की जाएगी। एनआइसी चंडीगढ़ से आए अधिकारी रेणू गर्ग ने सभी पटवारियों को जाति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मौके पर डीआरओ अभिषेक, जिला योजना अधिकारी सचिन परूथी व अन्य उपस्थित थे।