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दाम चढ़ेे तो इस बार अधिक चमका सोम नदी का सोना, चार गुना अधिक कीमत पर छूटा ठेका

सोम नदी का सोना भी इस बार महंगा हो गया है। इस बार यहां का ठेका पिछले साल के मुकाबले चार गुना अधिक दामों पर छूटा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 03:43 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 03:43 PM (IST)
दाम चढ़ेे तो इस बार अधिक चमका सोम नदी का सोना, चार गुना अधिक कीमत पर छूटा ठेका
दाम चढ़ेे तो इस बार अधिक चमका सोम नदी का सोना, चार गुना अधिक कीमत पर छूटा ठेका

यमुनानगर [पोपीन पंवार]। बाजार में सोने का भाव चढ़ने से इस बार सोम नदी का सोना भी महंगा हो गया है। यही कारण है कि इस बार सोम नदी से निकलने वाले सोने का ठेका भी महंगा छूटा है। गत वर्षों के मुकाबले इस बार ठेके की बोली चार गुना से भी अधिक बढ़कर एक लाख 47 हजार रुपये तक पहुंच गई। पिछले साल यह ठेका 36 हजार 500 रुपये में छूटा था। नदी से निकलने वाले सोने की हर वर्ष प्रशासन की ओर से बोली कराई जाती है। एक वर्ष के लिए स्वर्ण गोलाई का यह ठेका छोड़ा जाता है, जिसमें खुली बोली लगती है। इस बार नौ लोग बोली के लिए पहुंचे।

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बरसात के दिनों में निकलता है अधिक सोना

सोम नदी में सबसे अधिक आदिबद्री क्षेत्र में सोना निकलता है। बरसात होने के बाद ही यहां पर मजदूर लगते हैं। ठेकेदार प्रीतम ने बताया कि वैसे तो यह ठेका एक साल के लिए होता है, लेकिन यहां पर काम बरसात के दिनों में ही चलता है। फिलहाल बरसात नहीं हुई है। बरसात होते ही यहां पर काम शुरू कर दिया जाएगा। पहली बार उन्होंने ठेका लिया है।

निकलते हैं छोटे-छोटे कण

नदी से छोटे-छोटे कण सोने के निकलते हैं। मजदूर सोम नदी से रेत निकालते हैं। पानी का बहाव रोकने के लिए गड्ढा बनाया जाता है। फिर उसमें से रेत व पानी एकत्र कर झरना लगाते हैं। जिससे मोटा पत्थर अलग निकल जाए। फिर पानी व रेत को इस हिसाब से डालते हैं कि वह लकड़ी के फट्टे पर गिरे और इसमें रेत नीचे गिर जाता है और कण फट्टे पर लगता है। यह सारा कार्य अनुभव का है, इसलिए ही इसमें मजदूर भी अनुभवी लगते हैं।

इस सोने को एकत्र कर सुनार के पास ले जाकर सफाई कराई जाती है। फिर यह शुद्ध सोना बनकर बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाता है। ठेकेदार प्रीतम का कहना है कि जरूरी नहीं कि हर बार ही सोना निकले। मजदूर सोम नदी में उतरते हैं, तो वह खाली हाथ भी आते हैं। यह बहुत ही बारीक होता है। ठेके से महंगी मजदूरी पड़ती है। तहसीलदार बिलासपुर तरुण साहोता ने बताया कि इस बार सोम नदी के सोने की बोली एक लाख 47 हजार रुपये में छूटी है। गत वर्षों के मुकाबले काफी अधिक है। मांग बढ़ने की वजह से ही खरीददारों ने पैसा बढ़ाकर बोली छुड़वाई।

तय होना चाहिए बोली का रेट

आदिबद्री मंदिर के महंत विनय स्वरूप का कहना है कि सोम नदी से निकलने वाले सोने से काफी मुनाफा होता है। प्रशासन को इसके लिए बोली तय करनी चाहिए। इसकी बोली काफी कम पैसे में छूटती है।


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