दो हजार रिश्वत के साथ पकड़े गए डीईओ कार्यालय के एसओ को चार साल कैद
सेवानिवृत्ति के बाद महिला प्राध्यापिका की पेंशन लगवाने की एवज में दो हजार की रिश्वत लेने के दोषी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सेक्शन आफिसर (एसओ ) सेक्टर 18 निवासी श्रवण कुमार को कोर्ट ने चार साल सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा का प्रविधान है।
स्ावाद सहयोगी, जगाधरी:
सेवानिवृत्ति के बाद महिला प्राध्यापिका की पेंशन लगवाने की एवज में दो हजार की रिश्वत लेने के दोषी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सेक्शन आफिसर (एसओ ) सेक्टर 18 निवासी श्रवण कुमार को कोर्ट ने चार साल सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा का प्रविधान है। फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राजिद्र पाल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि समाज में रिश्वतखोरी की घटनाएं बढ रही हैं। इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए । दोषी को सख्त सजा देकर ही समाज को संदेश दिया जा सकता है। सहायक जिला न्यायवादी कपिल शर्मा ने केस की पैरवी की। राज्य चौकसी ब्यूरो पंचकूला थाना ने 21 जुलाई 2017 को सेवानिवृत प्राध्यापिका के पति बलदेव राज, निवासी खटीक मोहल्ला सरस्वतीनगर की शिकायत पर केस दर्ज किया था।
पुलिस को दी शिकायत में बलदेव राज ने कहा था कि उसकी पत्नी राजरानी जनता सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पंजाबी की प्राध्यापिका थीं। जो 31 मार्च 2017 को सेवानिवृत हो गई थी। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय यमुनानगर के एसओ श्रवण कुमार ने उसकी पत्नी को कहा था कि सेवानिवृति के बाद उसका वेतन नहीं बनेगा। अगर जल्दी पेंशन लगवानी है, तो पांच हजार रूपये देने होंगे। जिसके बाद उसकी सर्विस बुक वह स्कूल में भेज देगा। पत्नी ने सारी बात उसे बताई थी, जिसके बाद वह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गया और श्रवण कुमार से मिला। उसे तीन हजार रूपये दिए। एसओ ने 29 मई 2017 को तैयार हुए विद्यालय शिक्षा निदेशक के पत्र पर छह जुलाई 2017 को उसके हस्ताक्षर करवाए और एक कापी उसे दे दी। श्रवण कुमार ने कई बार उसे फोन कर बकाया दो हजार रूपये की मांग की। जिसके उसने राज्य चौकसी ब्यूरो के उपक्रम कार्यालय में निरीक्षक राजेश कुमार को पूरी घटना के बारे में अवगत कराया। मामले की सूचना डीसी व आला अधिकारियों को दी गई। डीसी के निर्देश पर 21 जुलाई 2017 को तहसीलदार दर्शन कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। डीसी कार्यालय के अधीक्षक गुलशन कपूर को छाया गवाह नियुक्त किया गया। बलदेव राज को पांच पांच सौ के चार नोटों के नंबर नोट किए गए। इसके बाद बलदेव राज को रूपये देकर भेजा गया। साथ ही कहा कि जब वह पैसों को श्रवण कुमार को दे दें, तो इशारा कर दें। इसके बाद बलदेव राज ने डीईओ कार्यालय में श्रवण कुमार को दो हजार रुपये दिए। इशारा मिलने पर टीम ने रेड की और श्रवण कुमार की जेब से रिश्वत के दो हजार रूपये बरामद किए। टीम ने जब सोडियम कार्बोनेट के घोल मे उसके हाथ घुलवाए तो वह गुलाबी हो गया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। श्रवण कुमार ने पूछताछ में बताया कि महिला की पेंशन लगवाने के लिए उसने पांच हजार रिश्वत की मांग की थी। पहले लिए गए तीन हजार रुपयों को उसने घर में छुपा रखा है। जिसे वह बरामद करवा सकता है। 22 जुलाई को आरोपित को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।