Move to Jagran APP

तीन तलाक देने पर केस दर्ज होने का था एसआइ को डर, इसलिए नजमा की सड़क हादसे में मौत दिखाने के लिए चचेरे भाई के साथ बनाई योजना

पत्नी नजमा की हत्या के आरोप में रेलवे प्रोटेक्शन सेफ्टी फोर्स (आरपीएसएफ) नौवीं वाहिनी जगाधरी वर्कशाप में तैनात एसआइ अफसर अली को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने गर्भवती पत्नी नजमा को जिदगी को बाहर करने के लिए काफी कोशिश की थी। जिसमें वह कामयाब नहीं हो पा रहा था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 07:43 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:43 AM (IST)
तीन तलाक देने पर केस दर्ज होने का था एसआइ को डर, इसलिए नजमा की सड़क हादसे में मौत दिखाने के लिए चचेरे भाई के साथ बनाई योजना
तीन तलाक देने पर केस दर्ज होने का था एसआइ को डर, इसलिए नजमा की सड़क हादसे में मौत दिखाने के लिए चचेरे भाई के साथ बनाई योजना

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

loksabha election banner

पत्नी नजमा की हत्या के आरोप में रेलवे प्रोटेक्शन सेफ्टी फोर्स (आरपीएसएफ) नौवीं वाहिनी जगाधरी वर्कशाप में तैनात एसआइ अफसर अली को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने गर्भवती पत्नी नजमा को जिदगी को बाहर करने के लिए काफी कोशिश की थी। जिसमें वह कामयाब नहीं हो पा रहा था। पहले उसने तीन बार तलाक बोलकर उससे छुटकारा पाने की योजना बनाई, लेकिन कानून होने की वजह से यहां भी उसे केस दर्ज होने का डर था। जिससे उसकी नौकरी पर खतरा बन सकता था। एक वजह यह भी थी कि नजमा उसकी पहले भी दो बार शिकायत पुलिस कर चुकी थी। इस शिकायत बाजी की वजह से उसका प्रमोशन भी रूक गया था। इसके साथ ही उसे नजमा के चरित्र पर भी शक था। जिस कारण उसने अपने चचेरे भाई असलम के साथ मिलकर नजमा की हत्या की योजना बनाई। यह हत्या सड़क हादसा लगे। इसलिए ही कार टक्कर मारी गई। 24 सितंबर की रात करीब नौ बजे अफसर अली खाना खाने के बाद पत्नी नाजमा के साथ रेलवे अंडरपास के पास सैर कर रहा था। तभी गति से कार आई और पीछे से उसकी पत्नी को टक्कर मार दी। उसे अस्पताल में लेकर गए। जहां उसकी मौत हो गई थी। 25 सितंबर को जब पोस्टमार्टम हो रहा था, तो नजमा के स्वजनों ने अफसर अली पर ही आरोप लगा दिए थे। मृतका के जीजा मोहम्मद रइस व भाई मोहम्मद इदरीश ने कहा था कि अफसर अली लगातार उनसे पैसों की मांग कर रहा था। उसे 10 से 12 लाख रुपये दे भी चुके थे। इसके बावजूद वह नजमा को साथ नहीं रख रहा था और नजमा से काफी समय से पीछा छुड़ाना चाहता था। इसलिए ही उसने साजिश के तहत यह हत्या कराई। इसी आधार पर पुलिस ने इस केस में हत्या की धारा ईजाद की थी और मामले की तफ्तीश सीआइए वन को दी गई थी। दबाव में करना पड़ा था निकाह :

पुलिस पूछताछ के मुताबिक, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के गांव जाफराबाद निवासी अफसर अली की मुलाकात वर्ष 2019 में फेसबुक के माध्यम से उत्तर प्रदेश के बरेली के गांव पीरभोडा निवासी नजमा के साथ हुई थी। दोनों के बीच बातचीत होनी लगी। इस बीच मई 2019 में अफसर अली के पिता की मौत हो गई थी। नजमा का भी उसके घर पर कई बार आना जाना हुआ। इसी दौरान नजमा ने अफसर अली से ढाई लाख रुपये भी उधार लिए थे। इसके बाद वह अक्सर मिलने लगे। उनके बीच शारीरिक संबंध बने। अफसर अली नजमा से निकाह नहीं करना चाहता था, जबकि वह निकाह के लिए दबाव बना रही थी। मना करने पर नजमा ने अफसर अली के खिलाफ बरेली में दुष्कर्म की शिकायत दी थी। इस शिकायत की वजह से उसका प्रमोशन रूक गया था। उसे थाने में भी बुलाया गया था। यहां पर उसने समझौता कर लिया और दबाव के चलते वर्ष 2020 में नजमा से निकाह कर लिया था। घर में रहने लगी थी कलह :

दबाव में अफसर अली ने नजमा से निकाह तो कर लिया था, लेकिन उनके बीच मनमुटाव रहने लगे। दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। अफसर अली पत्नी के चरित्र पर भी शक करता था। अप्रैल 2021 में नजमा के साथ उसने मारपीट की थी। जिस पर वह मायके आ गई थी। करीब एक माह तक वह मायके में रही थी, लेकिन अफसर अली उसे लेने नहीं आया था। जिस पर उसके खिलाफ नजमा ने महिला थाना यमुनानगर में शिकायत दी थी। यहां पर भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो उसने समझौता कर लिया था और नजमा को अपने साथ घर ले आया था। इसी दौरान उसे पता लगा कि पत्नी पांच माह की गर्भवती है। जिस पर उसका शक और गहरा गया था। उसे यह भी डर रहता था कि नजमा दोबारा भी शिकायत कर सकती है। जिससे उसकी नौकरी व प्रमोशन पर दिक्कत आएगी। जनवरी में झारखंड में हो गई थी पोस्टिग :

पुलिस के मुताबिक, अफसर अली यहां जगाधरी वर्कशाप में 2019 में तैनात हुआ था। अभी जनवरी माह में उसकी पोस्टिग झारखंड में हो गई थी। इसके बावजूद वह यहां पत्नी नजमा के साथ पृथ्वीनगर कालोनी में किराये के मकान में रह रहा था। कार का नंबर बना मजबूत आधार :

एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। जिसमें परिवार के लोग हादसे को लेकर हत्या का शक जता देते हैं। जब जांच की जाती है, तो वह हादसा निकलता है। यह मामला अलग तरह का निकला। जब मृतका के परिवार के लोगों ने एसआइ अफसर अली पर शक जताया, तो जांच कराई। इसमें सबसे मजबूर आधार उस स्कार्पियो कार का नंबर बना, जिससे वारदात की गई थी। कार का नंबर मुरादाबाद का निकला। यह कार भी अफसर अली के ही किसी रिश्तेदार के नाम पर थी। जिस वजह से ही इस हत्या का राजखुल सका और भी सबूत पुलिस ने जुटाए हैं। वारदात से एक दिन पहले ही स्कार्पियो कार लेकर अफसर का चचेरा भाई असलम अपने दो साथियों के साथ यहां आ गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.