फाइलों में सिमट गई सहारनपुर-कुरुक्षेत्र और जगाधरी पावंटा हाईवे चौड़ीकरण योजना
सहारनपुर-कुरुक्षेत्र नेशनल हाईवे और जगाधरी पांवटा रोड को चौड़ा किए जाने की योजना फाइलों में ही सिमट कर रह गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम की मौजूदगी में हुई यह घोषणा हवा-हवाई साबित हुई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सहारनपुर-कुरुक्षेत्र नेशनल हाईवे और जगाधरी पांवटा रोड को चौड़ा किए जाने की योजना फाइलों में ही सिमट कर रह गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम की मौजूदगी में हुई यह घोषणा हवा-हवाई साबित हुई। लिहाजा दुर्घटनाओं में यहां जिदगियां हर दिन दम तोड़ रही हैं। लोकसभा चुनाव के इस दौर में यह बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आया है। अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया शाहबाद में केंद्रीय मंत्री के समक्ष इन दिनों मार्गों को चौड़ा किए जाने की समस्या रख चुके हैं। उन्होंने आश्वासन भी दिया था कि जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू होगा। क्योंकि सरकार के पास विकास कार्यो के लिए फंड की कमी नहीं है। फिर भी योजना पर काम शुरू नहीं हो सका।
अलीपुरा से लेकर यमुनानगर तक व जगाधरी बस स्टैंड से पांवटा साहिब रोड चौड़ा हो जाता है तो बड़ी राहत होगी। जाम से भी निजात मिलेगी और हादसों में भी कमी आएगी। दिनोंदिन बढ़ रहा वाहनों का दबाव
इन दोनों मार्गों पर दिनोंदिन वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2017 तक जहां मार्ग से 19 हजार वाहन प्रतिदिन गुजरते थे। वर्ष 2019 में 26 हजार 585 वाहनों का आवागमन होता है। एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में अकसर जाम की स्थिति रहती है है। सुबह के समय चालक जाम का ज्यादा सामना करते हैं। सहारनपुर कुरुक्षेत्र मार्ग पर शो रूम संचालक सुमित गक्खड़ का कहना है कि वह तो रोजाना लाइव जाम देखते हैं। दुकान के सामने ही कई चालक 25 मिनट से ज्यादा जाम में फंसे रहते हैं। जोड़िया नाका तक यही स्थिति रहती है। इसके साथ ही जगाधरी-पांवटा मार्ग पर लक्कड़ मंडी चल रही है। इसके कारण लोग जाम से दो चार होते हैं। ओवरलोड वाहन भी दौड़ते दिनरात
सहारनपुर-कुरुक्षेत्र मार्ग पर ओवरलोड वाहनों की संख्या भी कम नहीं है। आए दिन इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। खनन सामग्री लेकर जाने वाले वाहन सबसे ज्यादा हादसे का कारण बनते हैं। राहगीर विशाल, पंकज ने बताया कि वे जोड़ियां के नजदीक फैक्टरी में जाते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए उनको जाम का सामना करना पड़ता है। अगर सड़क चौड़ी हो जाती है तो वे समय पर कार्यस्थल व शाम को अपने घर पहुंच सकेंगे। हमेशा जाम मिलता ही है
दिल्ली के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के लोग भी यहां से होकर जाते हैं। विश्वकर्मा चौक से दिल्ली की तरफ जा रहे वाहन चालक रघुबीर ने बताया कि वे बिजनेसमैन हैं। इसलिए उनको सप्ताह में एक बार दिल्ली जाना पड़ता है। ऐसा कभी नहीं होता जब उनको जाम का सामना न करना पड़े। अगर केंद्रीय मंत्री की घोषणा पर अमल होता सड़क चौड़ी होती तो जाम से होने वाली परेशानी से निजात मिल जाती।