शिक्षा मंत्री के आवास पर पहुंचे बर्खास्त पीटीआइ शिक्षकों व पुलिस की झड़प, बरसी लाठियां
दोबारा बहाली की मांग को लेकर 100 दिनों से धरना दे रहे बर्खा
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
दोबारा बहाली की मांग को लेकर 100 दिनों से धरना दे रहे बर्खास्त पीटीआइ शिक्षकों ने बुधवार को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास का घेराव किया। पुलिस ने शिक्षकों को रोकने के लिए पहले ही बैरिकेड लगा रखी थी। पुलिस ने शिक्षकों को पीछे ही रोकने की कोशिश की। जिससे नारेबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते शिक्षकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और बैरिकेड हटाने की कोशिश करने लगे। इसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने बल प्रयोग किया। करीब एक घंटे तक पुलिस व शिक्षकों के बीच झड़प होती रही। बाद में शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से ज्ञापन लिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की बर्खास्तगी सरकार ने नहीं की है। यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। फिर भी वह अपने स्तर पर इसकी पैरोकारी करेंगे। इसके बाद ही शिक्षक वापस लौटे।
बुधवार की सुबह पीटीआइ शिक्षक अग्रसेन चौक पर एकत्रित हुए। आशा वर्करों ने भी उन्हें समर्थन दिया। यहां शिक्षक व आशा वर्कर नारेबाजी करते हुए पैदल शिक्षा मंत्री के आवास की ओर चल पड़े। इस दौरान अध्यापकों ने बैंड भी बजाया। जब वह मंत्री के आवास पर पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पांच लोगों को ही ज्ञापन के लिए मंत्री से मिलने की अनुमति दी गई। मंत्री ने भी बाहर आने से मना कर दिया था। जिससे शिक्षक भड़क गए और पुलिसकर्मियों के साथ उनकी बहस हो गई। शिक्षक बैरिकेड तोड़कर नारेबाजी करते हुए अंदर घुसने लगे। इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। महिला शिक्षकों को महिला पुलिसकर्मियों ने रोका। काफी हंगामे के बाद समिति के प्रधान कृष्ण लाल ने मामला संभाला। कोरोना महामारी को देखते हुए पांच शिक्षक ही अंदर ज्ञापन देने जाएंगे। इससे पहले भी ऐसा ही हुआ था। शिक्षक अपनी बात नहीं रख पाए थे। संयोजक आरएस शर्मा, भूपेंद्र सिंह अंबाला, विकास पंचकूला, गजे सिंह पानीपत, रमेर्श्वर कैथल, परीक्षित हिसार, संदीप करनाल, सुनील दत्त अंबाला, दिलबाग जाखढ़, प्रशांत राणा ने बताया कि आठ अप्रैल 2020 के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की हुई है जिसपर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है। बर्खास्त पीटीआइ के तमाम तर्कों व आंदोलन के बावजूद सरकार ने 23 अगस्त को पीटीआइ चयन के लिए परीक्षा का आयोजन किया। इसमें भी पूरी धांधली हुई। इस संबंध में भी आंदोलन किया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई थी। इसलिए सरकार एक अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में उनकी बात रखे।