पुलिस का कारनामा: रुक्का भेजा शाम छह बजे, पांच बजकर 31 मिनट पर एफआइआर दर्ज
केस की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश विजयंत सहगल की कोर्ट ने पानीपत के गांव मतलौडा निवासी संदीप को बरी कर दिया।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : 200 ग्राम अफीम के साथ काबू किए गए एक मामले में पुलिस ने रुक्का (आरोपित के बारे में प्राथमिक जानकारी) छह बजे भिजवाया, जबकि एफआइआर पांच बजकर 31 मिनट पर दर्ज कर ली गई। केस की सुनवाई के दौरान पुलिस कर्मचारियों के बयानों में भी एकरूपता नहीं पाई गई। पुलिस ने इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह भी पेश नहीं किया, जिससे आरोपित पर दोष साबित हो सकें। केस की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश विजयंत सहगल की कोर्ट ने पानीपत के गांव मतलौडा निवासी संदीप को बरी कर दिया। एडवोकेट एमएस खान ने इसकी पुष्टि की है। यह था मामला:
एडवोकेट एमएस खान ने बताया कि शहर यमुनानगर पुलिस ने 15 दिसंबर 2017 को गांव मतलौडा जिला पानीपत निवासी संदीप कुमार के खिलाफ एएसआइ राजकुमार की शिकायत पर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने कहा कि वह पुलिस टीम के साथ गश्त कर रहा था। जब वह खजूरी रोड पर नाकाबंदी कर जांच कर रहा था, तो इस दौरान पंसरा की ओर एक व्यक्ति आता दिखाई दिया। जो पुलिस को देखकर वापस मुड़ गया। पुलिस ने जब उसे काबू कर पुछताछ की, तो उसने अपना नाम संदीप निवासी मतलौडा जिला पानीपत बताया। पुलिस ने उसके कब्जे से 200 ग्राम अफीम बरामद की। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। यह रही पुलिस की खामियां:
केस की सुनवाई के दौरान पुलिस कर्मचारियों के बयानों में एकरूपता नजर नहीं आई। एक पुलिस कर्मचारी ने कहा कि बैरिकेड्स लगाकर जांच की जा रही थी। जबकि दूसरे ने कहा कि बैरिकेड्स नहीं थे। एक पुलिस कर्मचारी ने कहा कि केस की पूरी कारवाई चेकपोस्ट पर बैठकर की थी। जबकि दूसरे ने कहा कि गाड़ी में बैठकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। संदीप को काबू करने के बाद पुलिस ने रुक्का छह बजे भेजा। जबकि दूसरे पुलिस कर्मचारी ने कहा कि पांच बजकर 31 मिनट पर एफआइआर दर्ज कर ली गई थी। पुलिस ने जिस जगह से आरोपित को काबू किया, वह शहर का व्यस्तम एरिया है, बावजूद इसके पुलिस ने कोई चश्मदीद गवाह पेश नहीं किया।