आरटीआइ में नहीं मिला स्टेडियम के लिए मिली 42.90 लाख ग्रांट का ब्योरा, विज से शिकायत
स्टेडियम के लिए आई 42 लाख 90217 रुपये की राशि का कहीं जिक्र नहीं किया गया।
संवाद सहयोगी, रादौर : नौ फरवरी 2016 को नगरपालिका के गठन के समय भंग की गई रादौर पंचायत ने नगरपालिका को विभिन्न ग्रांट राशियों के माध्यम से प्राप्त एक करोड़ 32 लाख 47723 रुपये सौंपे थे। इसमें से स्टेडियम के लिए मिली 42 लाख 90 हजार 217 रुपये की राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है। कस्बे के आरटीआइ कार्यकर्ता सतीश कुमार बठला ने आरटीआइ से इस राशि के बारे में जानकारी मांगी लेकिन जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने इस राशि में हेराफेरी की आशंका जताते हुए मंत्री विज को शिकायत भेज कर जांच की मांग की है।
सतीश कुमार ने गृहमंत्री विज को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2016 में रादौर पंचायत को भंग करके नगरपालिका बनाई गई थी। उन्होंने नगरपालिका में आरटीआइ लगाई। नपा ने उन्हें जानकारी दी कि पंचायत ने एसएफसी के तहत 80 लाख 48864 रुपये, जिला योजना स्कीम के तहत 8 लाख, 65642 रुपये और तहसील के पास पंचायत द्वारा बनाए जाने वाले स्टेडियम के लिए 42 लाख 90217 रुपये की ग्रांट उन्हें दी गई थी। इस राशि को नपा ने 2019 तक खर्च नहीं किया। इसके बाद 26 दिसंबर 2019 को नपा सचिव ने पत्र क्रमांक 1230-एमसीआर के तहत शहरी एवं स्थानीय निकाय पंचकूला निदेशक को पत्र भेजकर 80 लाख 48864 रुपये और 8 लाख 65642 रुपये की राशि को विकास कार्यों पर खर्च करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन स्टेडियम के लिए आई 42 लाख 90217 रुपये की राशि का कहीं जिक्र नहीं किया गया।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि स्टेडियम की राशि की जानकारी नपा ने आरटीआइ में भी नहीं दी। यह राशि गोलमाल करके अधिकारियों ने हड़प ली है।
ग्रांट की जानकारी नहीं : सचिव
नपा सचिव अजय वालिया का कहना है कि मैंने दिसंबर में ही ज्वाइन किया था। स्टेडियम निर्माण के लिए मिली राशि की जानकारी मुझे नहीं है। मेरे कार्यकाल में कोई टेंडर भी नहीं लगा। राशि में ऐसे हेराफेरी नहीं की जा सकती। वे इसके बारे में पता करेंगे।