अंगूठा स्कैन कर राशन देने से कोरोना संक्रमण का खतरा, डिपो होल्डर जता चुके एतराज
कोरोना महामारी के बीच लोगों को डिपो से राशन बांटना जान पर भारी पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना महामारी के बीच लोगों को डिपो से राशन बांटना जान पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि डिपो पर राशन पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन से दिया जाना है। जिसमें राशन लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के हाथ का अंगूठा स्कैन होगा। एक के बाद एक कई लोगों का अंगूठा स्कैन होने से लोगों में कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहेगा। हालांकि डिपो होल्डर कह चुके हैं वह मशीन से राशन नहीं बांटेंगे क्योंकि इससे उनके भी संक्रमित होने का खतरा है। यदि राशन नहीं मिला तो जरूरतमंद लोगों को काफी दिक्कत हो सकती है।
प्रदेश में कई डिपो होल्डरों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। इसलिए डिपो होल्डर भयभीत हैं। अकेले बिलासपुर क्षेत्र में ही मंगलौर व मुगलवाली में दो डिपो होल्डरों की गत सप्ताह कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई है। इसलिए डिपो होल्डर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। क्योंकि राशन देते वक्त लोगों का अंगूठा तो लगेगा ही साथ में डिपो होल्डर का अंगूठा भी स्कैन होगा। लॉकडाउन के चलते डिपो पर राशन बांटने का समय भी दोपहर दो बजे तक है। ऐसे में डिपो पर भीड़ उमड़ सकती है। वहीं डिपो के बाहर लोगों में शारीरिक दूरी की पालना करना डिपो होल्डरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि राशन पहले लेने की लोगों में होड़ सी मची रहती है। इसलिए सारे नियम धराशायी हो जाते हैं। बीमारी के खतरे के कारण कई डिपो धारक डिपो लौटाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, गांव बकाना में डिपो होल्डर कोरोना संक्रमित चल रहा है।
600 डिपो पर दिया जाना है राशन
जिला में जिन सस्ते अनाज के डिपो से लोगों को राशन दिया जाता है उनकी संख्या करीब 600 है। लाखों की संख्या में लोग इनसे राशन लेते हैं। इस बार राज्य सरकार लोगों को तीन किलोग्राम आटा, दो किलोग्राम बाजरा, एक किलोग्राम चीनी, दो लीटर हैफेड का सरसों का तेल दे रही है। जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पांच-पांच किलोग्राम गेहूं अलग से दिया जाएगा। जिले में 821719 यूनिट हैं। लोगों की तरफ से नहीं की गई मांग
राशन मशीन की बजाय मैन्युअल दिए जाने की मांग अभी तक केवल डिपो होल्डर की तरफ से की जा रही है। यही वजह है कि डिपो होल्डरों की मांग को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। क्योंकि अभी तक किसी भी बीपीएल, ओपीएच या एएवाई परिवार के सदस्य ने यह नहीं कहा है कि वह मशीन में अंगूठा स्कैन कर राशन नहीं लेना चाहते हैं। क्योंकि पीओएस मशीन से राशन देने में काफी हद तक पारदर्शिता रहती है। जबकि मैन्युअल राशन देने से हेराफेरी की आशंका रहती है। सरकार को निर्णय करना है : कुशलपाल
डीएफएससी कुशलपाल का कहना है कि राशन पीओएस मशीन से या फिर मैन्युअल बांटने का निर्णय सरकार को करना होता है। क्योंकि यह निर्णय पूरे प्रदेश के लिए लिया जाता है। फिलहाल तो राशन पीओएस मशीन से ही बांटने के आदेश हैं। जो डिपो होल्डर राशन नहीं बांटेगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करेंगे।