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46 करोड़ की रिकवरी के लिए फिर छूट का सहारा, अब तक जमा हुए सवा 11 करोड़

प्रॉपर्टी टैक्स के 46 करोड़ की रिकवरी के लिए स्थानीय निकाय विभाग की ओर से छूट देने का प्रावधान किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 08:35 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 08:35 AM (IST)
46 करोड़ की रिकवरी के लिए फिर छूट का सहारा, अब तक जमा हुए सवा 11 करोड़
46 करोड़ की रिकवरी के लिए फिर छूट का सहारा, अब तक जमा हुए सवा 11 करोड़

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रॉपर्टी टैक्स के 46 करोड़ की रिकवरी के लिए स्थानीय निकाय विभाग ने एक बार फिर छूट का सहारा लेना पड़ रहा है। अवधि बढ़ाकर अब 31 दिसंबर तक कर दी गई है। अब से पहले दी गई छूट का सकारात्मक परिणाम आने पर विभाग ने यह निर्णय लिया है। अब तक 11 करोड़ 25 लाख रुपये की रिकवरी हो चुकी है। इसमें 28 करोड़ सरकारी विभागों व 18 करोड़ निजी मकानों व संस्थानों पर है। ऑनलाइन जमा करवाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि निर्धारित समय के बाद ब्याज समेत प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा। साथ ही प्रॉपर्टी सील करने की कार्रवाई होगी। यह दी जा रही छूट

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वर्ष 2010-11 से 2020 तक के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स पर 100 प्रतिशत ब्याज की छूट प्रदान की है। इसके अलावा वर्ष 2010-11 से 2017 तक के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स एकमुश्त जमा करवाने पर 25 फीसद की छूट भी दी जा रही है। यह छूट 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। बीते वर्ष रिकवरी का आंकड़ा

वर्ष रिकवरी 2016-17 19 करोड़ 21 लाख 2017-18 आठ करोड़ 98 लाख 2018-19 18 करोड़ 40 लाख 2019-20 अब तक 11 करोड़ 25 लाख सरकारी प्रतिष्ठानों पर बकाया

निगम अधिकारियों का कहना है कि सरकारी विभागों के साथ-साथ निजी मकानों व प्रतिष्ठानों पर भी बकाया है। ये लोग छूट का फायदा उठा सकते हैं। बकायादारों का समस्त ब्याज माफ करना एक बड़ा कदम है। प्रॉपर्टी टैक्स की राशि से ही निगम समस्त खर्चे चलते हैं। एक तरह से जनता का पैसा, जनता की सुविधा के लिए शहरों के विकास पर ही खर्च किया जाता है। यहां भरें प्रापर्टी टैक्स

नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि प्रॉपर्टी धारकों किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए नागरिक सुविधा केंद्र में टोकन सिस्टम की व्यवस्था है। अलग-अलग विडो बनाई गई है। इसके अलावा टैक्स धारक निगम की वेबसाइट एमसीवाईएनआरडॉटकॉम या यूएलबी हरियाणा की वेबसाइट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर जाकर भी टैक्स ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। साथ ही क्यूआर कोड से हम पुराने बिल को स्कैन कर मौजूदा बिल की जानकारी भी ले सकते हैं।


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