रंगलाल लेकर आया नकली शराब की फैक्ट्री में लेबर, 18 से 20 हजार रुपये दिया जाता था वेतन
जागरण संवाददाता यमुनानगर जगाधरी में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री से पकड़ी गई लेबर को
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जगाधरी में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री से पकड़ी गई लेबर को लेबर को उप्र निवासी रंगलाल लेकर आया था। इन लेबर को 18 से 20 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जा रहा था। रंगलाल ने ही सभी लेबर को तैयार किया था। अच्छा वेतन देने के साथ ही शर्त यह रखी गई थी कि इस बारे में कोई किसी को कुछ नहीं बताएगा। इन लेबर में अधिकतर बोतलों पर ढ़क्कन, होलोग्राम व अन्य स्टीकर लगाते थे। जिस समय फैक्ट्री पर रेड पड़ी। रंगलाल को भनक लग गई और वह फरार हो गया था। इस मामले में पुलिस अब कॉपीराइट व ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने की धाराओं को भी इजाद कर रही है। मुख्य सरगना विकास बदलता रहता था ठिकाना
एसआइटी के मुताबिक नकली शराब तस्करी व तैयार कराने का मुख्य सरगना पानीपत के सेक्टर छह निवासी विकास दहिया पहले भी वह सोनीपत में लूट की वारदात में शामिल रहा था। अब लंबे समय से वह नकली शराब की तस्करी के धंधे से जुड़ा था। पुलिस को उसे पकड़ने में काफी पसीना बहाना पड़ा, क्योंकि आरोपित विकास किसी एक ठिकाने पर नहीं रहता था। वह ठिकाना बदलता रहता था। अधिकतर वह गाड़ी में ही रात गुजारता। घर भी कम ही जाता था। रात को कही सड़क या ढाबे के किनारे अपनी कार खड़ी कर उसमें सो जाता था। कार में ही उसने तौलिया, ब्रश व अन्य सामान रखा हुआ था। उसने शराब सप्लाई के लिए भी बड़ा सिडिकेट तैयार कर रखा था। इनके जरिए वह ठेकों तक शराब भिजवाता। रादौर में नकली शराब का कैंटर लेकर आ रहे मथाना निवासी प्रदीप को भी वह पहले से जानता था। इनका एक अन्य साथी रोहित है। वह भी नकली शराब की तस्करी करता था। उसकी भी तलाश पुलिस को है। प्रदीप अंबाला के मच्छौडा में नकली शराब तैयार करता था। 11 अक्टूबर को सीएम फ्लाइंग ने रोहतक में पकड़ा था स्प्रिट :
पुलिस की एक टीम को स्प्रिट कहां से आ रहा था। इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया है। 11 अक्टूबर को रोहतक में सीएम फ्लाइंग ने शराब तैयार करने वाला कैमिकल पकड़ा था। वहां से पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में सामने आया कि वह दिल्ली, उप्र व हरियाणा में यह कैमिकल सप्लाई करते हैं। अब पुलिस इस एंगल को भी जोड़ रही है कि कहीं पकड़ा गया कैमिकल इस फैक्ट्री के लिए तो नहीं भेजा जा रहा है। इसके लिए पुलिस उस समय पकड़े गए आरोपितों से भी पूछताछ कर सकती है। सीएम फ्लाइंग ने ढाबे पर रेड कर 40,500 लीटर स्प्रिट बरामद किया था। गिरोह के सरगना रूखी गांव निवासी संदीप व उसके भाई कुलदीप समेत 24 लोगों को पकड़ा गया था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया था कि अवैध रूप से लाई स्प्रिट को हरियाणा के कई जिलों, उप्र, दिल्ली और राजस्थान में शराब माफिया को सप्लाई किया जाता था। मध्यप्रदेश व पंजाब की डिस्टिलरी से यह स्प्रिट मंगवाया जाता था। जिन्हें यहां पर छोटी गाड़ियों से लोकल रूटों के जरिए तस्करों तक भेजा जाता था। रोहतक व पानीपत के ठेकों पर सप्लाई हुई नकली शराब :
रादौर में पकड़ी नकली शराब के बाद ही यहां पर फैक्ट्री पकड़ी गई और यहां से ठेकों पर शराब भेजे जाने का मामला खुला, लेकिन अभी तक तफ्तीश में यही सामने आया है कि यहां से रोहतक व पानीपत में ठेकों पर भारी मात्रा में शराब भेजी गई। पुलिस ने शराब ठेकेदार रोहतक के गांव खड़खड़ा निवासी रविद्र को 300 नकली शराब की पेटियों के साथ पकड़ा। उसके साथ खरक जाटान निवासी बलवान सिंह को भी पकड़ा गया। फैक्ट्री से पकड़े गए पानीपत के गांव मछरौली निवासी मनजीत, बिहार के पूर्वी चंपारन जिले के गांव बासमानपुर निवासी अर्जुन कुमार और मुख्य सरगना विकास दहिया पुलिस रिमांड पर हैं। एसआइटी सदस्य राकेश राणा ने बताया कि पांच आरोपित रिमांड पर हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। कुछ जगहों पर दबिश भी दी जा रही है। फैक्ट्री से पकड़ी गए छह लोगों को जेल भेजा गया है।