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वचन का मान रखने के लिए राम गए वनवास

छलौर गांव में रामलीला रामा क्लब ने राम वनवास का मंचन किया। दशरथ का विलाप देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। माता कैकेयी ने राम के लिए वनवास व पुत्र भरत के लिए राजपाट की मांग रखी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 07:48 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 07:48 AM (IST)
वचन का मान रखने के लिए राम गए वनवास
वचन का मान रखने के लिए राम गए वनवास

संवाद सहयोगी, बिलासपुर: छलौर गांव में रामलीला रामा क्लब ने राम वनवास का मंचन किया। दशरथ का विलाप देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। माता कैकेयी ने राम के लिए वनवास व पुत्र भरत के लिए राजपाट की मांग रखी। दशरथ ने वजनबद्ध होने से श्रीराम को 14 वर्ष के लिए वन में जाने का आदेश दिया। उनकी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण भी पीछे चल देते हैं। पुत्र वियोग में राजा दशरथ को विलाप करते देख दर्शकों की आंखे नम हो गई। रामपुर हेडियान के सरपंच निर्मल ने कहा कि प्रंसग से मानव जाति को शिक्षा मिलती है कि स्थिति कैसी भी हो माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए। इस मौके पर रविद्र कश्यप, रोनकी राम, सतीश, मदन पाल, शिव कुमार पाल, मांगेराम, कंवर पाल, संजय, शिवदत्त, रिकु, सतीश मिस्त्री, मास्टर जयप्रकाश, हैप्पी उपस्थित थे। बिलासपुर में श्रीराम को केवट ने लकड़ी की नाव में गंगा पार कराई। राम केवट संवाद मार्मिक रहा। पूरे पंडाल में जय श्रीराम के नारे गुंज उठे। इस मौके पर सूरजभान सैनी, नरेंद्र बिद्रा, सुखदेव वर्मा, मुकेश बंसल, प्रमोद वर्मा, राजेश धीमान, राजु वर्मा, अवध बंसल, विजय शर्मा, संजीव सिगला, मनोज शर्मा नोना, सचिन वर्मा, सचिन कटारिया, हरगलाल निक्का, राजेश गर्ग, मा. रवि भूषण अग्रवाल, अश्वनी मंगला ने सहयोग किया।

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