रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक का नहीं हो सका विस्तार
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक का 12 वर्ष बाद भी विस्तार नहीं हो सका। वर्ष 2007 में डीआरएम के दौरे के दौरान विस्तार करने की बात कही गई थी। अब तक इसकी लंबाई नहीं बढ़ाई गई। यात्रियों को खड़े रहकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। यात्रियों का कहना है कि जब राजस्व यहां से ज्यादा है तो सरकार को सुविधा भी उसी तरह देनी चाहिए। जिससे यात्रियों की दिक्कत कम हो सके।
जागरण संवाददता, यमुनानगर : रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक का 12 वर्ष बाद भी विस्तार नहीं हो सका। वर्ष 2007 में डीआरएम के दौरे के दौरान विस्तार करने की बात कही गई थी। अब तक इसकी लंबाई नहीं बढ़ाई गई। यात्रियों को खड़े रहकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। यात्रियों का कहना है कि जब राजस्व यहां से ज्यादा है तो सरकार को सुविधा भी उसी तरह देनी चाहिए। जिससे यात्रियों की दिक्कत कम हो सके। एयरपोर्ट की तर्ज पर हो स्टेशनों व ट्रेनों में सुविधा
दैनिक रेल यात्री राजेश, हरीश, रवि व दीपक ने कहा कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में एयरपोर्ट की तर्ज पर सुविधाएं मिलनी चाहिए। सबसे अधिक जरूरत स्टेशनों व ट्रेनों में सफाई और बेहतर खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराने की है।उन्होंने कहा कि स्थानीय यमुनानगर-जगाधरी रेलवे स्टेशन को ए ग्रेड का दर्जा हासिल है, लेकिन उसके मुताबिक सुविधाएं नहीं है। स्टेशन पर सफाई, पर्याप्त शौचालय और शेड और बैठने की व्यवस्था तक नहीं है। वहीं, प्रमुख व लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव न होने के कारण यात्रियों को अंबाला-सहारनपुर से ट्रेन लेनी पड़ती हैं। इसमें उनके समय और धन की अधिक बर्बादी होती है। हरियाणा उद्योग व्यापार मंडल के प्रवक्ता संजय मित्तल कहते हैं कि यात्रियों के लिए ट्रेनों और स्टेशनों पर सुरक्षा और सुविधा बढ़ानी चाहिए। लंबी वे¨टग में रिजर्वेशन कराकर यात्रियों को बिना सीट के यात्रा करनी पड़ती है, ऐसे में या तो लंबी वे¨टग रिजर्वेशन न हो अन्यथा यात्रियों के बैठने को अतिरिक्त कोच लगाया जाए। दिल्ली के लिए स्टेशन से सिर्फ आधा दर्जन गाड़ियां हैं। जबकि जिले में व्यापारी, नौकरीपेशा, विद्यार्थी व अन्य वर्ग से जुड़े लोग काफी संख्या में दिल्ली आते-जाते हैं। ये सब मिले सुविधाएं:-
-स्टेशन परिसर, प्लेटफॉर्म और ट्रैक पर सफाई हो।
-स्टेशन पर शौचालयों की संख्या बढ़ें और उन्हें सुविधाओं से लैस किया जाए।
-निशक्तों के लिए पुल की सीढि़यों के साथ रैंप बने या स्वयंचलित सीढि़यां हों।
-टिकट काउंटर पर महिलाओं व सीनियर सिटीजन के लिए अलग लाइन हो।
इससे कम लगेगा किराया
दि जगाधरी मैटल मैन्यूफैक्चरर्स एंड स्पलायर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सुंदरलाल बतरा का कहना है कि रेल बजट में माल भाड़े को कम कर बर्तन निर्माताओं के लिए यमुनानगर-जगाधरी रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव की व्यवस्था करनी चाहिए। व्यापारियों को पहले जगाधरी से सहारनपुर या अंबाला बर्तनों की बु¨कग करानी पड़ती है, फिर सहारनपुर से कमीशन एजेंट आगे की बु¨कग कराते हैं। इससे बर्तन निर्माताओं का खर्च काफी बढ़ जाता है वहीं, बाहर से आने वाले कच्चे माल को स्टेशन पर रखने के एवज में दस के बजाए 72 घंटे बाद डैमरेज लगाया जाए। कागजों में अटका ये प्रोजेक्ट
यमुनानगर-चंडीगढ़ रेल लाइन बिछने का अरमान ख्वाब बनकर ही रह गया है। इस महत्वाकांशी परियोजना पर चार दशक पहले सर्वे तो हुआ, ¨कतु आगे रेलवे लाइन बिछाने की दिशा में कदम नहीं बढ़ सके हैं। इस रेल लाइन के धरातल पर आने से न सिर्फ यमुनानगर बल्कि अंबाला, पंचकूला और चंडीगढ़ के लोगों को भी फायदा होगा। इस सौगात के लिए दशकों से इंतजार कर रहे युवा बुजुर्ग हो चले हैं, लेकिन यमुनानगर-चंडीगढ़ रेल लाइन प्रोजेक्ट अब भी कागजों में अटका है।