निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मियों का प्रदर्शन
उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने वर्क
संवाद सहयोगी, जगाधरी वर्कशॉप : उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने वर्कशॉप गेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान मंडल मंत्री भूपेंद्र सिंह संधू ने कहा कि सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी है। श्रमिक कानूनों को संशोधन के नाम पर काले कानून बनाया जा रहा है। इनमें मजदूरों का शोषण बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को मजदूरों की मांगों को पूरा करना होगा। इनमें मुख्य रूप से भारतीय रेलवे निजीकरण आउटसोर्सिंग पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए।पुरानी पेंशन नीति लागू की जाए और महंगाई भत्ता तुरंत जारी किया जाए। इस दौरान आरएस भदौरिया, रमेश शर्मा, प्रभु राम,देवेंद्र सिंह, पीएस मीणा, मोनिका, रामकुमार, महीपाल भी मौजूद रहे। निजीकरण पर रोक लगाए सरकार
रादौर में भी सभी ट्रेड यूनियनों की ओर से किए गए हड़ताल का असर कस्बे में भी देखने को मिला। हड़ताल को सफल बनाने के लिए ब्लाक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सेंटर फॉर ट्रेड यूनियन के बैनर तले हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन, आशा वर्कर, रिटायर कर्मचारी संघ पुराने बस स्टैंड पर एकत्रित हुए। प्रदर्शन का नेतृत्व लालचंद कांबोज ने किया। कर्मचारी नेता यशपाल चमरोड़ी, प्यारेलाल तंवर, पूजा रानी, रेखा रानी, संदीप, रानी देवी, लालचंद ने कहा कि सरकारी विभागों एवं उपक्रमों के किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाई जा। जनसेवाओं के विभागों का विस्तार कर जनता को बेहतर जन सेवाएं प्रदान की जाए। ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधा विभागों के पेरोल पर किया जाए। पक्के होने तक कर्मचारियों को समान काम-समान वेतन और सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए।