Move to Jagran APP

यमुनानगर में गुपचुप सर्वेक्षण कर गई क्यूसीआइ की टीम, अब परिणाम का इंतजार

स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 को लेकर नगर निगम की रिपोर्ट के आधार पर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) की टीम की टीम गुपचुप तरीके से ट्विनसिटी का दौरा कर गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 08:20 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 08:20 AM (IST)
यमुनानगर में गुपचुप सर्वेक्षण कर गई क्यूसीआइ की टीम, अब परिणाम का इंतजार
यमुनानगर में गुपचुप सर्वेक्षण कर गई क्यूसीआइ की टीम, अब परिणाम का इंतजार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 को लेकर नगर निगम की रिपोर्ट के आधार पर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) की टीम की टीम गुपचुप तरीके से ट्विनसिटी का दौरा कर गई। निगम अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। इस दौरान उन्होंने उन तमाम बिदुओं पर जानकारी हासिल की जिनका उल्लेख निगम अधिकारियों की ओर से मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिग एंड अर्बन अफेयर्स को जमा कराई गई रिपोर्ट में किया गया है। इस बार परीक्षा छह हजार अंकों की है।

loksabha election banner

ये अंक निर्धारित

1800 अंक सिटीजन फीडबैक

2400 अंक कचरे की छंटनी, कलेक्शन व प्रबंधन

1800 ओडीएफ प्लस व वाटर प्लस गत वर्ष यह रही स्थिति

वर्ष 2017 में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी 346, 2018 में 310, 2019 में 218 व 2020 में 147वें स्थान पर रहा है। गत वर्ष कचरा प्रबंधन न होना पिछड़ने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। इसलिए इस बार इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया। इसके लिए डोर-टू-डोर कचरे की छंटनी की व्यवस्था की गई। 11 से 22 वार्ड तक वर्क अलॉट हो चुका है। जबकि वार्ड एक से 10 तक अभी प्रक्रिया चल रही है। कचरे की छंटनी के 2400 अंक निर्धारित हैं। सर्वेक्षण का यह उद्देश्य

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से वर्ष-2016 में स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू किया था। नगर निगमों के अलावा नगर परिषद व नगर पालिकाओं में यह सर्वेक्षण हर साल होता है। स्वच्छता की स्थिति के आधार पर ही इनको रैंक मिलता है। यमुनानगर की बात की जाए तो गत वर्ष 147वां रैंक आया था। नगर निगम अधिकारियों स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी सफाई और स्वच्छता सर्वेक्षण है। यह शहरों व महानगरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाता है। इसका मकसद स्वच्छ शहरों का निर्माण व स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। सफाई के प्रति शहरवासियों की सोच में परिवर्तन लाना है।

वर्जन

स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम कभी भी दौरा कर गई है। इसकी सूचना निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं दी गई। टीम ने गुपचुप तरीके से दौरा किया। टीम के दौर से पहले निगम ने अपनी रिपोर्ट जमा करा दी थी। उम्मीद है इस बार अच्छा रैंक हासिल होगा। क्योंकि कचरा निस्तारण व डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था लागू कर दी गई है।

अरुण कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.