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बदहाल हुए सार्वजनिक शौचालय, नगर निगम अधिकारी बेपरवाह

कहीं दरवाजे टूटे पड़े हैं तो कहीं पानी की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम ने 22 वार्डों में 150 शौचालय बनवाए थे। एक शौचालय पर 70 हजार रुपये खर्च आए थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 05:04 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 05:04 AM (IST)
बदहाल हुए सार्वजनिक शौचालय, नगर निगम अधिकारी बेपरवाह
बदहाल हुए सार्वजनिक शौचालय, नगर निगम अधिकारी बेपरवाह

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो वर्ष पहले बनवाए सार्वजनिक शौचालय देखरेख के अभाव में बदहाल हो चुके हैं। कहीं दरवाजे टूटे पड़े हैं तो कहीं पानी की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम ने 22 वार्डो में 150 शौचालय बनवाए थे। एक शौचालय पर 70 हजार रुपये खर्च आए थे। लेकिन ओडीएफ का तमगा लेने के बाद इनकी सुध नहीं ली गई। जन प्रतिनिधियों का कहना है कि ओडीएफ के नाम पर करोड़ों रुपये बहा दिए गए, लेकिन उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है। बिना ठोस प्लानिंग से ही शहरी एरिया में आनन-फानन में मोबाइल शौचालय रख दिए गए। मौजूदा समय में आधे ही सही और उपयोगी हैं। हैरानी की बात यह भी है कि कुछ शौचालयों को आज तक पानी के कनेक्शन नहीं दिए और जिन पर दिए गए हैं, वह भी खस्ता स्थिति में हैं। खासतौर पर नगर निगम में शामिल हुए गांवों में शौचालयों का बुरा हाल है। हद इस बात की है कि यहां तक नगर निगम अधिकारी या कर्मचारी आकर झांकते तक नहीं हैं। कमेटी भी नहीं गंभीर

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स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान इन शौचालयों की सुध ली जाती है, लेकिन बाद में कर्मचारी सुध लेना मुनासिब नहीं समझते। हाउस की बैठकों में भी यह मामला कई बार उठ चुका है, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। देखरेख के लिए बनाई गई कमेटी भी इस दिशा में ध्यान नहीं दे रही है। इन शौचालयों पर कहीं दिनभर व्यर्थ पानी बहता है तो कहीं आज तक पानी नहीं पहुंचा। गांधी नगर में रखे शौचालयों में टोंटियां टूटी पड़ी पड़ी हैं। आज तक किसी ने सुध नहीं ली। गांधीनगर, जिमखाना रोड, नेशनल हाइवे, मंडेबरी, वार्ड 12 सहित अन्य कई क्षेत्रों में ये शौचालय बंद पड़े हैं।


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